रायपुर, 26 जनवरी 2024/ राजधानी रायपुर में आयोजित गणतंत्र दिवस मुख्य समारोह में राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने राज्य के 4 बच्चों को उनकी विशेष वीरता, साहस एवं बुद्धिमत्ता के लिए राज्य वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया। इस पुरस्कार के लिए इन बच्चों को 25 हजार रूपए की राशि और प्रशस्ति पत्र दिया गया है। इनमें मास्टर अरनव सिंह, मास्टर ओम उपाध्याय, मास्टर प्रेमचंद साहू और मास्टर लोकेश कुमार साहू शामिल हैं।
सरगुजा जिले के लक्ष्मीपुऱ में रहने वाले 16 वर्षीय मास्टर अरनव सिंह ने बताया कि 12 नवम्बर 2023 को अपने परिवार के साथ गृह ग्राम उदयपुर में दीपावली पूजन के उपरांत सहपरिवार रात्रि 11.30 बजे कार से अम्बिकापुर की ओर आ रहे थे। रात्रि लगभग 12.30 बजे साड़बहार बैरियर के पास पहुंचते ही उन्हें कुछ दूरी पर आग की ऊंची-ऊंची लपटें दिखाई देने लगी। वहां जाकर देखा कि स्वच्छता चेतना पार्क के पास स्थित डंपिंग यार्ड में भीषण आग लगी हुई थी। मास्टर अनवर सिंह ने तत्काल 112 नम्बर पर कॉल किया। 15 मिनट के भीतर ही मणिपुर थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ प्रशासनिक अधिकारी घटना स्थल पर पहुंच गये और वहां सो रहे तीन व्यक्तियों तथा चौकीदार को जगाकर उठाया एवं प्रशासन के सहयोग से सभी को सुरक्षित बाहर निकलवाया।
दुर्ग जिले के कृपाल नगर भिलाई निवासी दिव्यांग 16 वर्षीय मास्टर ओम उपाध्याय 20 दिसम्बर 2023 को सुबह 8.30 बजे अपने घर के पास छोटे-छोटे बच्चों के साथ खेल रहे थे। दूर खड़े ओम ने देखा कि कुछ खौफनाक कुत्ते बच्चों की ओर बढ़ रहे है, उसने पहले कुत्तों को वहां से भगाने का प्रयास किया, लेकिन एक कुत्ता आक्रमक हो गया और बच्चों की तरफ दौड़ने लगा। तब मास्टर ओम ने अपने जान की परवाह किए बगैर बच्चे को बचाया और आक्रमक कुत्ते को दौड़ने लगा, इस दौरान कुत्ते ने ओम के हाथ में दांत गड़ा दिया, लेकिन उसके बाद भी ओम नहीं रूका और कुत्ते को गली से बाहर सड़क पर छोड़कर छोटे-छोटे बच्चों की जान बचाई।
रायपुर जिले के रामपुर डंगनिया निवासी 9 वर्षीय मास्टर प्रेमचंद साहू और 13 वर्षीय मास्टर लोकेश कुमार साहू ने अपने वीरता का परिचय देते हुए तालाब में डूबते हुए बच्चे की जान बचाई है। इन बच्चों ने बताया कि 7 मार्च 2023 को दोपहर 1.30 बजे अपने 3 मित्रों लोकेश कुमार साहू, पुष्पेन्द्र साहू और प्रियांशु साहू के साथ डंगनिया तालाब में नहाने के लिए गए थे। नहाते समय 9 वर्षीय पुष्पेन्द्र का पैर फिसल जाने से तालाब की अधिक गहराई में जाकर डूबने लगा था। जिसे देखकर प्रियांशु साहू ने बचाने के लिए आवाज लगाई। लोकेश कुमार साहू एवं प्रेमचंद साहू ने अदम्य साहस एवं सूझबूझ का परिचय का देते हुए स्वयं की जान जोखिम में डालकर बालक पुष्पेन्द्र की जान बचाई।