राम लला मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य यजमान होंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

Spread the love

FOURTHPILLARSNEWS:DESK SPECIAL REPORT

भारत के लोक मानस में रचे बसे , उनके परम आराध्य भगवान् श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है . नए वर्ष में जनवरी की 22 तारिख़ को इस मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन है जिसमें राजनीति के अलावा अन्य क्षेत्रों की जानी मानी हस्तियाँ उपस्थित रहेंगी . प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य यजमान होंगे परम आराध्य भगवान् श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में

अतिथियों और भक्तों को निमंत्रित करने हेतु विश्व हिंदू परिषद द्वारा एक निमंत्रण गीत भी तैयार करवाया गया है

मंदिर वास्तु शिल्प का नायब उदहारण है अयोध्या में निर्माणाधीन ये भव्य मंदिर जिसमें राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का निर्वाह शुक्ल पक्ष की पौष द्वादशी के दिन यानी 22 जनवरी को किया जाएगा जिसके लिए आवश्यक तैयारियां पूरे ज़ोर पर हैं। इस अवसर पर विभिन्न संस्थाओं और अखाड़ों से सम्बद्ध 4 हज़ार संतों , राजनीति और अन्य क्षेत्रों के 7 हज़ार गणमान्य जनों के अलावा , सभी राज्यों और विश्व के 50 देशों से क़रीब 20 हज़ार अतिथि अयोध्या में मौजूद रहेंगे।

मंदिर वास्तु शिल्प का नायब उदहारण है अयोध्या में निर्माणाधीन ये भव्य मंदिर जिसमें राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का निर्वाह शुक्ल पक्ष की पौष द्वादशी के दिन यानी 22 जनवरी को किया जाएगा जिसके लिए आवश्यक तैयारियां पूरे ज़ोर पर हैं

प्राण-प्रतिष्ठा के विधिवत अनुष्ठान के लिए 20 दिसंबर से अक्षत वितरण अभियान शुरू हो चुका है । अतिथियों और भक्तों को निमंत्रित करने हेतु विश्व हिंदू परिषद द्वारा एक निमंत्रण गीत भी तैयार करवाया गया है

22 जनवरी से 22 फ़रवरी तक अयोध्या क्षेत्र में गणमान्य जनों का आगमन जारी रहेगा इस अवधि में देश के विभिन्न राज्यों के मुख्य मंत्री और राज्यपाल तीर्थ क्षेत्र में दर्शन , पूजा और सरयु आरती के लिए के लिए पहुँच सकते हैं

प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी पूजा क़रीब 9 घंटे तक चलेगी जिसका जीवंत प्रसारण भी विभिन्न टी वी चैनलों पर उपलब्ध रहेगा .

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि बेहतर होगा यदि भक्तगण 25 जनवरी के बाद अयोध्या आयें । प्राण प्रतिष्ठा की तारिख़ 22 जनवरी से पूर्व सात किलो चांदी और एक किलो सोने से निर्मित प्रभु की चरण पादुकाओं के 19 जनवरी तक अयोध्या पहुँचने की उम्मीद है . प्राण प्रतिष्ठा की पूजा के लिए देश भर की प्रमुख नदियों का पवित्र जल एकत्र किया गया है .प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी पूजा क़रीब 9 घंटे तक चलेगी जिसका जीवंत प्रसारण भी विभिन्न टी वी चैनलों पर उपलब्ध रहेगा .

मंदिर के चरों ओर दक्षिण भारत के मंदिर वास्तु शिल्प के अनुसार आयताकार परकोटा बनाया गया है जिसके चारों कोनों पर भगवान सूर्य, गणपति, शिव और देवी भगवती के मंदिर हैं और बीच में रामलला .

22 जनवरी से 22 फ़रवरी तक अयोध्या क्षेत्र में गणमान्य जनों का आगमन जारी रहेगा इस अवधि में देश के विभिन्न राज्यों के मुख्य मंत्री और राज्यपाल तीर्थ क्षेत्र में दर्शन , पूजा और सरयु आरती के लिए के लिए पहुँच सकते हैं .विदित हो अयोध्या के राम मंदिर के लिए मूल डिज़ाइन 1988 में अहमदाबाद के सोमपुरा परिवार द्वारा तैयार किया गया था ये परिवार 15 पीढ़ियों से यही काम कर रहा है

मंदिर के मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा के अलावा उनके दो बेटे निखिल सोमपुरा और आशीष सोमपुरा भी हैं, जो आर्किटेक्ट हैं और पिता के कार्य में सहयोग देते हैं . राम मंदिर ‘नागरा’ शैली की वास्तुकला पर आधारित है। समस्त मंदिर परिसर 70 एकड़ में फैला हुआ हुआ है जिसमें 2.70 एकड़ में मंदिर निर्माणाधीन है .

अतिथियों और भक्तों को निमंत्रित करने हेतु विश्व हिंदू परिषद द्वारा एक निमंत्रण गीत भी तैयार करवाया गया है

मंदिर में कुल 44 द्वारों का प्रावधान है . मंदिर में भक्तों का आगमन पूर्वाभिमुख द्वार से होगा और निकास दक्षिण द्वार से . मंदिर के चारों ओर दक्षिण भारत के मंदिर वास्तु शिल्प के अनुसार आयताकार परकोटा भी निर्मित किया जाएगा जिसके चारों कोनों पर भगवान सूर्य, गणपति, शिव और देवी भगवती के मंदिर होंगे और बीच में रामलला . मंदिर का अब तक 80 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है

राम मंदिर अयोध्या भारत के लोक मानस में रचे बसे

विदित हो अयोध्या के राम मंदिर के लिए मूल डिज़ाइन 1988 में अहमदाबाद के सोमपुरा परिवार द्वारा तैयार किया गया था ये परिवार 15 पीढ़ियों से यही काम कर रहा है .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *