श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के अंतर्गत पूर्ण हो चुके 7 हजार 688 मरम्मत कार्य एवं 464 अतिरिक्त कक्षों के निर्माण का लोकार्पण किया। उल्लेखनीय है कि इन स्कूल भवनों के रंग-रोगन के लिए गौठान में बने 1 लाख 98 हजार 510 लीटर गोबर पेंट का उपयोग किया गया है, जिसकी कुल कीमत 4.76 करोड़ रुपए है
श्री बघेल ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के अंतर्गत पूर्ण हो चुके 7 हजार 688 मरम्मत कार्य एवं 464 अतिरिक्त कक्षों के निर्माण का लोकार्पण किया।
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद किसी भी वर्ष में , अधिकतम 1 सौ 50 करोड़ रुपए का प्रावधान स्कूल मरम्मत कार्यों के लिए किया गया, जो स्कूलों की आवश्यकता की तुलना में बहुत कम था इसी लिए लंबे समय तक , स्कूल भवनों की मरम्मत नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में स्कूल भवन जर्जर हो गए थे. राज्य में जर्जर और मरम्मत योग्य स्कूल भवनों का संज्ञान लेते हुए 2023 में माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर आरंभ की गयी “मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना
लैलूंगा से हरिराम राठिया ने बताया कि हमारा स्कूल पहले ठीक नहीं था। अब बढ़िया हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब स्कूल बढ़िया हो गया है। अब रख रखाव करते रहिए। पालक समिति इस पर ध्यान देती रहे। मुख्यमंत्री ने पढ़ाई की स्थिति के बारे में भी पूछा।
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री रविन्द्र चौबे भी हैं मौजूद। प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला प्रस्तुत कर रहे प्रतिवेदन।
बस्तर के लोहंडीगुड़ा में पदस्थ शिक्षक नितिन ने बताया कि हमारा स्कूल बहुत जर्जर स्थिति में था। अब अच्छा हो गया, अतिरिक्त कक्ष भी बन गया। मुख्यमंत्री ने शिक्षक दिवस की उन्हें बधाई दी और शुभकामनाएं भी दी।
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री रविन्द्र चौबे का उद्बोधन
मुख्यमंत्री शाला जतन योजना के अंतर्गत हुए कार्यों के 8000 से भी अधिक स्कूलों का शुभारंभ किया गया। शिक्षा का क्षेत्र हमारी सरकार की प्राथमिकता में रही है। 2100 करोड़ रुपए की लागत से शालाओं का मरम्मत हुआ। पहले जनभागीदारी से स्कूल भवनों का निर्माण होता था, आज 1300 शिक्षकों में ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे हैं, मैं उन्हें बधाई देता हूँ।
छत्तीसगढ़ को शिक्षित और समृद्ध राज्य बनाने में आप सभी शिक्षक पहल करें यही मेरी कामना है। 5 साल में 30,000 शिक्षकों की नियुक्ति अपने आप में एक इतिहास है। लगभग 5 लाख बच्चे आज 700 से ज्यादा स्वामी आत्मानंद स्कूलों में पढ़ रहे हैं।