“ग़ज़ल इशारों में बात करती हैं गर वो बोल दे, तो ग़ज़ल,ग़ज़ल ना रहे”

“मौज में बंजारा” के लेखक, कवि शकील जमाली ने द एहसास वूमेन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम लफ़्ज़ के दौरान कहा।…