मंत्रिमण्डल फेरबदल की अटकलें, 7 या 10 दिसंबर को हो सकता है विस्तार..

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रायपुर, नई दिल्ली से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय अपने मंत्रिमण्डल का विस्तार कर सकते हैं। माना जा रहा है कि 7 या 10 दिसंबर तक नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है. हालांकि इसकी पुष्टि नही हो सकी है. भाजपा से जुड़े शीर्षस्थ सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमण्डल फेरबदल में दो नए विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है।

इन परिस्थितियों से जहां पार्टी के नेता परेशान हैं तो कार्यकर्ता भी उपेक्षित महसूस कर रहा है। एक साल के बाद भी ना तो उसकी पूछपरख है और ना ही काम हो रहे हैं। फिर स्थानीय नगरीय चुनाव भी होने हैं, एक साल के अंदर सरकार की वह छबि भी नही बन सकी है जिसकी उम्मीद पार्टी को थी। ऐसे में मंत्रिमण्डल विस्तार जरूरी हो गया है।

हालांकि इसे लेकर दो तरह के मत हो गए हैं। पार्टी का एक धड़ा मानता है कि नगर निगम चुनाव के बाद विस्तार किया जाना चाहिए, जबकि दूसरा धड़ा का मानना है कि एक साल हो गए हैं, दो मंत्री पद रिक्त हैं। बहुत से विभागों में काम थम सा गया है। विधायक भी काम जल्द ना होने से परेशान हैं हालांकि इसके प्रभारी मंत्री तय हैं लेकिन फिर भी काम का बोझ ज्यादा होने के कारण फाइलें अटकी पड़ी हैं.

कई चेहरे मंत्री पद की दौड़ में शामिल, वर्तमान मंत्रिमण्डल में से एक—दो चेहरे बदलने की अटकलें हैं हालांकि अधिकृत तौर पर अभी कुछ साफ नही हो सका है। लेकिन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का दिल्ली दौरा और वहां पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद मंत्रिमण्डल विस्तार की अटकलें लगाई जा रही हैं।

पहले मंत्रिमण्डल विस्तार में अधिकांश पहली बार चुने गए विधायक मंत्री बनाये गये थे जिसका कुछ विशेष लाभ या प्रभाव दिखाई नही दे रहा है। कार्यकर्ता से लेकर आम जनता तक यह मान रही है कि एक दो मंत्री को छोड़ दें तो अधिकांश नए मंत्री ना तो काम कर पा रहे हैं और ना ही परिणाम दे रहे हैं। ऐसे में कुछ चेहरों को बदलने की संभावना है। जबकि दो नए मंत्री बनाए जाने हैं जिसके लिए बिलासपुर और रायपुर संभाग से चेहरे देखे जा रहे हैं। बिलासपुर से विधायक धरम लाल कौशिक या अमर अग्रवाल की लाटरी लग सकती है।

दूसरा मंत्री पद रायपुर संभाग को जा सकता है। इसके लिए विधायक राजेश मूणत, विधायक अजय चंद्राकर, विधायक सुनील सोनी और विधायक पुरंदर मिश्रा दौड़ में हैं। पुरंदर को छोड़ दें तो बाकी तीनों नेताओं को लेकर पार्टी और आमजनों में अलग अलग मत हैं। वैसे भी मूणत और चंद्राकर दस साल तक मंत्री रह चुके हैं जबकि सोनी के व्यवहार और कार्यशैली को लेकर दिक्कत है। ऐसे में पुरंदर मिश्रा की लाटरी लग सकती है। मिश्रा वरिष्ठ नेता हैं और पहली बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। रायपुर के चार विधायकों में सबसे ज्यादा सक्रिय और मिलनसार भी हैं। उनके मंत्री बनने से जनता और कार्यकर्ता दोनों संतुष्ट होंगे, इस लिहाज से पार्टी उन्हें भी मंत्री बना सकती है।

अटकलें ये भी लगाई जा रही हैं। कि विधायक अजय चंद्राकर को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है।

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