- भगवान शिव को समर्पित सावन मास चल रहा है।
- आज सावन का तीसरा सोमवार है।
- हिंदू धर्म में सावन के सोमवार व्रत का विशेष महत्व है।
- इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है।
तीसरे सोमवार को कई शुभ संयोग बनने से इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है
- मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करने से मनोकामना पूरी होती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सावन के तीसरे सोमवार को कई शुभ संयोग बनने से इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है। जानें सावन के तीसरे सोमवार के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व महत्व-
सोमवार व्रत महत्व-
शास्त्रों में सावन सोमवार व्रत का महत्व वर्णित है। कहा जाता है कि इस महीने में भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही सोमवार के व्रत का फल शीघ्र मिलता है। सावन मास में भगवान शंकर की पूजा से विवाह आदि में आ रही अड़चनें दूर होने की मान्यता है।
सोमवार व्रत पूजा विधि-
- सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
- शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं।
- भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें।
- भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें।
- भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
- भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें।
सावन का तीसरा सोमवार शुभ मुहूर्त-
चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 1 अगस्त सुबह 04 बजकर 18 मिनट से शुरू
चतुर्थी तिथि समाप्त- 2 अगस्त सुबह 5 बजकर 13 मिनट पर
परिघ योग – 31 जुलाई शाम 07 बजकर 11 मिनट से 1 अगस्त शाम 07 बजकर 03 मिनट तक
शिव योग – 1 अगस्त शाम 07 बजकर 03 मिनट से 2 अगस्त शाम 6 बजकर 37 मिनट कर
रवि योग- 1 अगस्त को सुबह 5 बजकर 42 मिनट से शाम 4 बजकर 6 मिनट तक