
कला और संस्कृति समाज की पहचान व धरोहर होते हैं तथा समाज की जीवन शैली निर्धारित करते हैं। इनका शिक्षा में समावेशित किया जाना , समाज को मजबूत और बेहतर बनाने में मत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस राष्ट्रीय स्तर कार्यक्रम में पूरे देश से ऐसे शिक्षकों का चयन किया गया है जो अपनी शाला में कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं व शिक्षा को संस्कृति से जोड़कर विशेष पाठ योजना के साथ अध्यापन कराते हैं जिससे बच्चों की कला, संस्कृति में रूचि तो बढ़ती है साथ ही साथ शिक्षण को भी रूचिकर बनाते हैं। यदि बच्चे अपनी कला और संस्कृति के उद्भव और विकास को समझे तो उनका उनका आत्मसम्मान सुदृढ़ तथा नैतिक ज्ञान के विकास में सहायक होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी) दिल्ली जो शिक्षा को संस्कृति से जोड़ने के क्षेत्र में काम करने वाले प्रमुख संस्थानों में से एक है, उनके द्वारा 5 दिवसीय रिफ्रेशर ओरिएण्टशन कार्यक्रम का आयोजन भारतीय संस्कृति मंत्रालय के सीसीआरटी क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान, द्वारका, नई दिल्ली में किया जा रहा है।
