आइये जानते है प्रेगनेंसी के दौरान खुद का ख्याल कैसे रखें…

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आइये जानते हैं प्रेगनेंसी के दौरान महिला की दिनचर्या और खान/पान कैसा होना चाहिये

प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में बहुत से बदलाव आते है, यह बदलाव केवल शारीरिक रूप से ही नहीं मानसिक रूप से भी आते है। ऐसे में महिला के गर्भवती होने पर उसे अपना दुगुना ध्यान रखना पड़ता है। ताकि प्रेग्नेंट महिला को और उसके गर्भ में पल रहे शिशु को स्वस्थ रहने में और उसका विकास भी अच्छे से होने में मदद मिल सके

तनाव से दूर खुश रहना सबसे बड़ी सौगात है

गर्भवती महिला को हर 4 घंटे में कुछ ना कुछ खाने की कोशिश करनी चाहिए। हो सकता है आपको भूख न लगी हो, परन्तु हो सकता है कि आपका गर्भस्थ शिशु भूखा हो। वजन बढ़ने कि चिंता करने के बजाय अपने डायेट की नीड का ख्याल रखें ।

धीरे धीरे इसे अपने रूटीन में शामिल कीजिये की….

सुबह उठ पायें, सैर को निकल पायें, ऐसा करने से महिला को प्राकृतिक द्वारा फ्रेश ऑक्सीजन मिलती है ।

महिला का मन शांत रहता है।

और इससे महिला का शरीर भी फिट रहता है, और इसे महिला को और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों को ही फायदा मिलता है। शुरुआत में महिला को प्रेगनेंसी में सुबह उठते समय परेशानी हो सकती है लेकिन फिर धीरे धीरे आदत में शुमार हो जाता है ।

हमेशा खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए। जिससे बच्चे के विकास में भरपूर मदद मिलती है । स्वस्थ शिशु को जन्म देने के लिए जरुरी है महिला भी स्वस्थ हो।

महिला को भरपूर मात्रा में मिनरल्स जैसे की आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम और विटामिन आदि लेना चाहिए।

हल्का फुल्का व्यायाम और योगासन करते रहें, इससे आपके शरीर में ब्लड फ्लो अच्छे से होता है साथ ही आपकी बॉडी को भी फिट रहने में मदद मिलती है।बाहर फिट तो अन्दर फिट

चाय या कॉफ़ी…..यानी कैफ़ीन…यानी…नशा, जिससे पूरी तरह….परहेज करना चाहिए।

कई महिलाओ को प्रेगनेंसी के दौरान आयरन की कमी की समस्या हो जाती है। ऐसे में महिलाओ को प्रेगनेंसी की शुरुआत से ही प्रतिदिन फोलिक एसिड और विटामिन मिनरल्स का भरपूर सेवन करना चाहिए। क्योंकि यह मिनरल्स केवल प्रेग्नेंट महिला के लिए ही नहीं बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी फायदेमंद होते है। और इसे शिशु का विकास भी अच्छे से होने में मदद मिलती है, साथ ही शिशु के शारीरिक विकास के साथ मानसिक विकास भी अच्छे से होता है। साथ ही इससे महिला यदि आयरन का भरपूर सेवन करती है तो इससे महिला में खून की कमी को भी पूरा किया जा सकता है।

चाय coffie छोड कर हरी सब्जी भी खूब खाए

डॉक्टर से जांच के कुछ ज़रूरी नियम का ख्याल रखें……

प्रेगनेंसी की शुरुआत में जैसे ही आप अपने लिए एक डॉक्टर का चुनाव करते है, तो ऐसे में यदि आपके लिए वो डॉक्टर ठीक है तो उसे बदलना नहीं चाहिए। साथ ही जितनी भी जांच और टेस्ट आपको करवाने होते है उन्हें नियमित करवाएं। अल्ट्रासाउंड को समय से करवाएं, और यदि किसी भी समय आपको असहज महसूस होता है तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा डिलीवरी का समय पास आने पर आपको डॉक्टर के पास जाते रहना चाहिए।
प्रेगनेंसी के दौरान इन बातों का भी रखें खास ध्यान:

  • महिला को मानसिक तनाव नहीं लेना चाहिए बल्कि खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए।
  • डॉक्टर से नियमित जांच जरूर करवानी चाहिए, और उनके द्वारा दी गई दवाइयों का सेवन जरूर करना चाहिए।
  • महिला को यात्रा नहीं करनी चाहिए, ज्यादा भागदौड़ से बचना चाहिए।
  • झुककर या पेट के बल किसी भी काम को नहीं करना चाहिए इससे आपको परेशानी का अनुभव हो सकता है।
  • खान पान का ध्यान रखना चाहिए, मिनरल्स भरपूर लेने चाहिए।
  • कच्चे मीट या अधपके मीट का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • महिला को सीधा होकर नहीं सोना चाहिए बल्कि करवट लेकर सोना चाहिए।
  • महिला को प्रेगनेंसी के आखिरी महीनो में सूजन भी हो जाती है लेकिन यदि यह ज्यादा हो तो तुरत डॉक्टर से राय लेनी चाहिए।
  • साफ़ सफाई का भी ध्यान रखना चाहिए, चाहे वो खाने को लेकर हो या महिला के शरीर की सफाई हो।
  • पपीते, कटहल, इलायची, या ने चीजे जिनकी तासीर अधिक गर्म होती है, उनका सेवन नहीं करना चाहिए।
  • महिला को तनाव नहीं लेना चाहिए, बल्कि प्रेगनेंसी के दौरान खुश रहना चाहिए इससे महिला और शिशु का विकास बेहतर तरीके से होने में मदद मिलती है।
  • प्रेगनेंसी के दौरान कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे आपको परेशानी हो, और साथ ही यदि कोई भी परेशानी हो तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
  • प्रेगनेंसी के दौरान यदि आखिरी महीनो में कभी भी आपको ऐसा महसूस हो की बच्चा मूवमेंट नहीं कर रहा है, और काफी समय हो गया है तो आपको तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
ईश्वर का अनमोल तोहफा है शिशु अपना और उसका ख्याल रखें


प्रेग्नेंसी के दौरान इन फूड्स का सेवन गर्भवती महिला के लिए किसी अमृत से कम नहीं.....

  • अंडा…..एक पौष्टिक पदार्थ है, इसके नियमित सेवन से गर्भावस्था और स्तनपान में बहोत उर्जा मिलती है ।अंडा एक पौष्टिक पदार्थ है, जो प्रोटीन से भरपूर होता है। इसमें विटामिन, खनिज, वसा और एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते है।

चिकन…इसमें भी प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। हफ्ते में दो बार 100 ग्राम की मात्रा में ही इसका सेवन करना उचित होता है। साथ ही अगर आप रेड मीट खा सकते है।

मछली…आहार में मछली का सेवन करना कई लोगों को पसंद होता है। आप हफ्ते में दो बार इसका सेवन कर सकते है और इसमें कई पोषक तत्व पाए जाते है।

प्रोन्स…(यानी झींगा मछली ) क बेहतरीन फ़ूड जो गर्भवती महिला के लिए अमृत है

गर्भावस्था आपके जीवन में कई तरह के बदलाव लेकर आती है और बच्चे के आने के बाद आपकी जिंदगी पूरी तरह से बदल जाती है। इन सभी शारीरिक और हॉर्मोनल बदलावों के कारण, आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है। आपको अपने बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर चिंता महसूस हो सकती है या फिर, आप आने वाले लेबर पेन और डिलीवरी के बारे में सोच-सोच कर घबरा सकती हैं। इन सभी भावनाओं के कारण गर्भावस्था के दौरान आपके मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है, इसलिए धयान रखिये ।अगर आप के नकारात्मक विचारों का प्रभाव आपके रोज के रूटीन पर पड़ रहा हो और आप उनसे तुरंत बहार आइये ………………….जानते है कैसे


1……एंग्जायटी डिप्रेशन से कोसो दूर रहें

2…...अपनी खुद की देखभाल आप करे

३……खुद पर ज्यादा दबाव न डालें

४……खुले मैदानों हरियाली वाली सड़कों पर चलें

5…..घर में किचन गार्डनिंग करें

६….अपनी पुरानी रूचि (hobby) को फिर से शुरू करें

देखिये फिर सेहत क्या खूब हो जाएगी और प्रेगनेंसी का एहसास हल्का हो जायेगा “क्योंकि माँ केवल जन्म ही नही देती बल्कि ज़िन्दगी देती है”

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