नई दिल्ली: यूएई यानी संयुक्त अरब अमीरात के पहले हिंदू मंदिर का पट भक्तों के लिए अब खुल गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को अबू धाबी के पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया. बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) द्वारा निर्मित मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने अबू धाबी में भव्य मंदिर को वास्तविकता बनाने के लिए धन्यवाद दिया
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद जायद अल नाहयान खाड़ी देश में रहने वाले भारतीयों के साथ-साथ 140 करोड़ भारतीयों का भी दिल जीत लिया.
अबू धाबी का यह पहला हिंदू मंदिर सह-अस्तित्व के विचार का प्रतिनिधित्व करता है. क्योंकि इस हिंदू मंदिर के लिए एक मुस्लिम राजा ने जमीन दान की है. इस मंदिर का मुख्य वास्तुकार एक कैथोलिक ईसाई रहा है, जबकि प्रोजेक्ट मैनेजर एक सिख है. वहीं, फाउंडेशनल डिजाइनर एक बौद्ध है. जिस कंपनी ने इस मंदिर को बनाया है, वह कंस्ट्रक्शन कंपनी एक पारसी समूह का है और इस मंदिर का डायरेक्टर जैन धर्म से ताल्लुकात रखता है.
दरअसल, अबू धाबी का यह बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण हिन्दू मंदिर यानी बीएपीएस हिन्दू मंदिर 27 एकड़ जमीन में फैला है. इस हिंदू मंदिर के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद जायद अल नाहयान ने 27 एकड़ की जमीन दान में दी थी. यह मंदिर दुबई-अबू धाबी शेख जायद राजमार्ग पर अल राहबा के पास 27 एकड़ क्षेत्र में बना है, जो करीब 700 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है.
संयुक्त अरब अमीरात में अत्यधिक तापमान के बावजूद श्रद्धालुओं को गर्मी में भी इन टाइल पर चलने में दिक्कत नहीं होगी. मंदिर में अलौह सामग्री का भी प्रयोग किया गया है.
बीएपीएस के लिए अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहारीदास ने कहा, ‘यहां वास्तुशिल्प पद्धतियों को वैज्ञानिक तकनीकों के साथ जोड़ा गया है. तापमान, दबाव और गति (भूकंपीय गतिविधि) को मापने के लिए मंदिर के हर स्तर पर 300 से अधिक उच्च तकनीक वाले सेंसर लगाए गए हैं. सेंसर अनुसंधान के लिए लाइव डेटा प्रदान करेंगे. यदि क्षेत्र में कोई भूकंप आता है तो मंदिर इसका पता लगा लेगा और हम अध्ययन कर सकेंगे.’