इन मंत्र से प्रसन्न करे बाबा बर्फानी को
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं । विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ॥निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं । चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥1॥
और सबके स्वामी शिवजी, मैं आपको नमस्कार करता हूं. निज स्वरूप में स्थित, भेद रहित, इच्छा रहित, चेतन, आकाश रूप शिवजी मैं आपको नमस्कार करता हूं.)
निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयं । गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ।करालं महाकालकालं कृपालं । गुणागारसंसारपारं नतोऽहम् ॥2॥
(निराकार, ओंकार के मूल, तुरीय (तीनों गुणों से अतीत) वाणी, ज्ञान और इन्द्रियों से परे, कैलाशपति, विकराल, महाकाल के भी काल, कृपालु, गुणों के धाम, संसार से परे परमेशवर को मैं नमस्कार करता हूं.)
हर माह के शुक्ल पक्ष के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव (Lord Shiva) की कृपा पाने के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत (Masik Shivratri Vrat 2022) रखा जाता है. फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को बड़ी महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) मनाई जाती है. इस बार महाशिवरात्रि 1 मार्च की पड़ रही है. इस दिन भोले के भक्त उन्हें प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए पूजा-पाठ और व्रत आदि करते हैं. इस दिन विधि-विधान के साथ माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है.
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का हुआ था विवाह
धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Maa Parvati) का विवाह हुआ था. वहीं दूसरी मान्यता यह है कि इस दिन शिव जी ज्योतिर्लिंग रूप में प्रकट हुए थे. इस दिन भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए उन्हें बेलपत्र आदि चढ़ाया जाता है.भगवान शिव को सबसे प्रिय बेलपत्र हैं. शास्त्रों में बेलपत्र का तोड़ने और अर्पित करने के कुछ नियमों के बारे में बताया गया है. आइए जानें.