इस अवसर पर उन्होंने भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष स्वर्गीय श्री मनोज सिंह मण्डावी को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके साथ बिताये पलों को याद किया।
उन्होंने कहा कि स्वर्गीय श्री मनोज मण्डावी जब मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए, तब से हमारा साथ रहा, उनसे अंतिम बार इस महीने के 07 तारीख को ग्राम नाथिया नवागांव में स्थापित लघु धान्य प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन उत्पाद इकाई के लोकार्पण अवसर पर मुलाकात हुई थी। इस कार्यक्रम में दो मिनट का मौन रखकर स्वर्गीय श्री मनोज मण्डावी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय श्री मनोज मंडावी को बस्तर एवं आदिवासियों के संबंध में गहरी समझ थी। वे शिक्षा, स्वास्थ्य और किसानों की आय में वृद्धि पर ध्यान देते थे। अपनी बात को वे पूरी दृढ़ता के साथ रखते थे तथा अपने क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा चिंतित रहते थे। भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान उनके द्वारा भानुप्रतापपुर तहसील के ग्राम भानबेड़ा के कार्यक्रम में डोंगरकट्टा गांव के किसानों की समस्या बताई गई थी, इस गांव के 150 से अधिक किसानों का राजस्व रिकार्ड जप्त हुआ था, जिसे वापस नहीं किया गया था, जिसके कारण ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं का भी लाभ नहीं मिल पा रहा था। समस्या की जानकारी मिलते ही उसके निराकरण के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित भी किया गया ।
वर्तमान में डोंगरकट्टा गांव का राजस्व रिकार्ड वापस हो चुका है, इससे ग्रामीण बहुत खुश हैं और उन्होंने दिवाली एक साथ मनाया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि स्वर्गीय श्री मनोज मण्डावी की कमी की भरपाई नहीं हो सकती, वे हमेशा हमारी स्मृति में जीवित रहेंगे। भानुप्रतापपुर क्षेत्रवासियों के दिलों में वे हमेशा राज करेंगे, उनके योगदान को कोई मिटा नहीं सकता। इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री तथा जिले की प्रभारी मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री अमरजीत भगत, संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी और राज्यसभा के पूर्व सांसद श्री पी.एल. पुनिया शामिल होकर संबोधित किये ।