बस्तर में तबाही की बारिश का दौर…सुकमा में बाढ़ का कहर

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  • सुकमा में एनएच 30 भी बाढ़ में डूब गया
  • लगभग 3000 लोगों को राहत केंद्रों तक सुरक्षित पहुंचाया
  • बस्तर के सुकमा में बाढ़ का कहर
  • कोंटा में बनाए गए राहत केंद्र

बस्तर में आसमान से आफत की बारिश से कई गावों का सम्पर्क मुख्य सड़क से कट गया है. बस्तर के सुकमा में पिछले 10 दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही (Flood havoc in Bastar ) है. बारिश की वजह से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. बस्तर संभाग में आब तक दो लोगों की मौत बारिश और बाढ़ से हुई है. सुकमा में शबरी नदी उफान पर है. शबरी नदी के बाढ़ का पानी पर कोंटा ब्लॉक मुख्यालय में घुस गया है. कोंटा नगर पंचायत के करीब 5 वार्ड पूरी तरह डूब चुके (Public life disturbed in Bastar due to rain) हैं. सात से ज्यादा गांव भी बाढ़ के चपेट में है. सुकमा में रेस्क्यू टीम बोट के सहारे लोगों का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है. अब तक 100 से ज्यादा परिवारों का रेस्क्यू किया जा चुका है. सुकमा में एनएच 30 भी बाढ़ में डूब गया।

बस्तर के सुकमा में बाढ़ का कहर

खतरे के निशान से ऊपर बह रही गोदावरी नदी: सुकमा में गोदावरी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिसकी वजह से कोंटा की निचली बस्तियां बाढ़ में डूब गई है. प्रशासन इन इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रहा है. अब तक लगभग 3000 लोगों को राहत केंद्रों तक सुरक्षित पहुंचाया जा चुका है.

कोंटा में बनाए गए राहत केंद्र: कोंटा में 9 बाढ़ राहत केंद्र बनाए गए हैं. यहां लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से लाकर रखा जा रहा है. आईटीआई कोंटा, स्वामी आत्मानंद स्कूल, चैतन्य स्कूल, हाई स्कूल कोंटा, शिशु मंदिर कोंटा, महाविद्यालय भवन कोंटा, पंचायत भवन ढोंडरा, वन धन केंद्र ढोंडरा तथा पोटकेबीन बंडा को राहत केंद्र बनाया गया है. प्रशासन एवं पुलिस विभाग तथा नगर सेनानी की संयुक्त टीम के द्वारा बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है. इन जगहों पर राहत कार्य किया जा रहा है. ताकि कोंटावासियों को किसी प्रकार की समस्या का सामना ना करना

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