उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल में बादल फटने और और भारी बारिश की वजह से बाढ़ आई है, जिससे जगह-जगह भूस्खलन हुआ है. कई सड़कें या तो कट गई हैं या मलबे में दब गई हैं. मोटी कीचड़ की परतें, गिरी हुई हुई चट्टानें, घना कोहरा और लगातार बारिश ने रेस्क्यू टीमों की गति को धीमा कर दिया है.


धाराली, हर्षिल और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ और भूस्खलन से हालात बेकाबू हैं. सेना, ITBP, NDRF और SDRF की टीमें कीचड़ और मलबे के नीचे फंसे लोगों को को बचाने में जुटी हैं. हालात इतने खराब हैं कि भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर मंगलवार दोपहर से तैयार होने के बावजूद उड़ान नहीं भर पा रहे हैं.
उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल में बादल फटने और भारी बारिश की वजह से बाढ़ आई है, जिससे जगह-जगह भूस्खलन हुआ है. कई सड़कें या तो कट गई हैं या मलबे मेंगई हैं. मोटी कीचड़ की परतें, गिरी हुई चट्टानें, घना कोहरा और लगातार बारिश ने रेस्क्यू टीमों की गति को धीमा कर दिया है. खासकर धाराली तक पहुंचने का रास्ता ब्लॉक हो गया है.जिससे राहत सामग्री पहुंचाने और लोगों को निकालने में भारी दिक्कत आ रही है.


इन विमानों में राहत सामग्री भर दी गई है और उड़ान भरने के लिए पूरी तैयारी हैं. लेकिन मौसमखराब होने के कारण उड़ान नहीं भर पा रहे हैं. वायुसेना के सूत्रों के अनुसार पूरे क्षेत्र में घने बादल और कोहरा छाया हुआ है, जिससे विजिबिलिटी जीरो हो गई गई है. ऐसे में हेलिकॉप्टर उड़ाना जोखिम भरा है क्योंकि पायलटों को पहाड़ी इलाका दिखाई नहीं देता.
उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल में बादल फटने से दुर्गम इलाका, कोहरा और चुनौतीपूर्ण हालात पैदा हुए
हिमालयी क्षेत्र की दुर्गमता, संकरी घाटियां और ऊबड़-खाबड़ रास्ते जमीन से बचाव कार्य को भी मुश्किल बना रहे हैं लगातार बारिश और कोहरे ने विजिबिलिटी खत्म कर दी है, जिससे राहत और बचाव की रफ्तार धीमी हो गई है. मौसम विभाग ने भी खराब मौसम को लेकर चेतावनी दी है.
कम्युनिकेशन सिस्टम ध्वस्त, सेटेलाइट फोन ही सहारा वो भी हर समय साथ नही दे पा रहा है

टीमों के बीच तालमेल में दिक्कतें आ रही हैं. पैदल पहुंचीं टीमें, मशीनें फंसीं
सेना और आईटीबीपी की टीमें जो पास के इलाकों में तैनात थीं, वे पैदल ही घटनास्थल तक पहुंची हैं. रास्ते बर्बाद हो चुके हैं, कीचड़ और पानी से भर चुके हैं, जिससे वहां तक पहुंचना बेहद कठिन हो गया है. भारी मशीनें भी फिलहाल फिलहाल वहां नहीं पहुंच पाईं हैं, क्योंकि सड़क मार्ग टूट चुका है.
मलबा बना बड़ी रुकावट
कुछ इलाकों में मोटी परतों में जमा कीचड़ और मलबा रेस्क्यू में बड़ी बाधा बना हुआ है. यहां फंसे लोगों को निकालना और भारी मशीनों को शिफ्ट करना मुश्किल हो रहा है. लगातार बारिश के कारण दोबारा भूस्खलन और बाढ़ की आशंका इससे बचाव कार्य और भी धीमा हो गया है और ज़रूरतमंदों तक मदद पहुंचाना मुश्किल होता जा रहा है.
