रायपुर 17 दिसंबर 2024/पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर से संबद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में दो हृदय रोगियों के धमनियों में जमे कैल्शियम को ऑर्बिटल एथेरेक्टोमी प्रक्रिया के जरिये हटाते हुए हृदय में रक्त प्रवाह को सुगम बनाया गया।
आर्बिटल एथेरेक्टोमी का उपयोग भारी (हैवी) कैल्सीफाइड कोरोनरी धमनियों वाले रोगियों के इलाज के लिए किया जाता है।इस प्रक्रिया में एक पतले कैथेटर के जरिये धमनी के अंदर अपने अक्ष पर घूमने वाला हीरे का लेप किये हुए बर को प्रविष्ट कराया जाता है जो कैल्सिफाइड सतह को धीरे-धीरे पीस कर बाहर निकालता है और धमनी की सतह को चिकना कर देता है। इस चिकनी सतह में रक्त का प्रवाह सुगमता से होता है जिससे दिल के दौरे पड़ने की संभावना कम हो जाती है।
एसीआई में हृदय रोग विशेषज्ञों की अनुभवी एवं समर्पित टीम ने कोरोनरी ऑर्बिटल एथेरेक्टोमी पद्धति से हृदय रोगियों के लिए नयी उपचार सुविधा की शुरुआत की है। शासकीय चिकित्सालय में इस तकनीक का उपयोग कर एसीआई ने उपलब्धि हासिल की है। हृदय रोग के उपचार की दिशा में एसीआई की टीम द्वारा किये जा रहे नवाचार मरीजों में अच्छे जीवन की नई उम्मीद जगा रहे हैं।
ऐसी स्थिति में ऑर्बिटल एथरेक्टोमी प्रक्रिया के जरिए कैल्शियम को हटाते हुए एंजियोप्लास्टी की गई। वहीं भिलाई निवासी 68 वर्षीय मरीज की नसों में कैल्शियम का जमाव था। बाहर के अस्पताल में एंजियोग्राफी करवाया था। वहां पर बाईपास सर्जरी का सुझाव दिया गया। मरीज वहां से सुझाव लेकर एसीआई आया और एसीआई में उसके लेफ्ट साइड की मुख्य नस में बहुत ज्यादा कैल्शियम जमा होने की वजह से ऑर्बिटल एथेरेक्टोमी पद्धति का उपयोग करते हुए सफलतापूर्वक एंजियोप्लास्टी कर दी गई। एक दिन में ही मरीज स्वस्थ होकर अपने घर चला गया।