नवा रायपुर: 27 गांव के किसान अपनी मांगों को लेकर लगातार 67 दिनों से प्रदर्शन कर रहे है। शुक्रवार को किसान की मौत होने से प्रदर्शन और उग्र हो गया है।

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नवा रायपुर के 27 गांव के किसान अपनी मांगों को लेकर लगातार 67 दिनों से प्रदर्शन कर रहे है। शुक्रवार को मार्च रैली में एक किसान की मौत होने से प्रदर्शन और उग्र हो गया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मृत किसान के बेटे से की बात

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मृत किसान स्व. सियाराम पटेल के बेटे से फोन पर बात कर दुःख व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने मुआवजा संबंधी मामले पर अपर मुख्य सचिव को जांच के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि वे इस दुःख की घड़ी में मृत किसान परिवार के साथ हैं और परिवार की हर संभव सहायता की जाएगी।

आपको बता दे शुक्रवार को नवा रायपुर किसान कल्याण समिति ने मंत्रालय घेराव का कार्यक्रम रखा गया। जहां किसानों को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने व्यवस्था की गई थी। इस दौरान एक किसान की मौत भी हो गई। इसके बाद शासन-प्रशासन और सतर्क हो गए है। हालांकि शासन ने मृतक के स्वजन को चार लाख रुपये देने की घोषणा की है।

किसानों की मांग है कि नवा रायपुर परियोजना प्रभावितों द्वारा बचे हुए संपूर्ण बसाहट का पट्टा, वयस्कों को 1200 वर्गफीट भूखंड, 3600-9000 वर्गफीट भूखंड और कानून द्वारा अर्जित भूमियों पर पुनर्वास व्यवस्थापन आदि मांग शामिल है। इधर किसानों के प्रदर्शन को प्रदेश के कई किसान संगठनों का अपना समर्थन दिया है। वहीं, शासन ने किसानों किसानों की कई मांग को लेकर सहमति जता दी है, लेकिन किसान अपनी मुख्य मांग को लेकर अभी अड़े हुए है।

27 गांव के किसान कर रहे आंदोलन

एनआरडीए के पास 27 गांव के किसान आंदोलन कर रहे है। और अब आमरण अनशन शुरू कर दिया है। दूसरी ओर आंदोलन को प्रदेश और राष्ट्रीय किसान नेताओं का समर्थन मिल रहा है।

आठ में से छह मांग पर शासन ने सहमति दे दी है

वहीं किसानों का कहना है कि शासन सिर्फ जुमलेबाजी कर रहे है। मांग को आधा अधूरा थोप रहे है। जब तक मांग पर उचित कार्रवाई नहीं होती आंदोलन को स्थगित नहीं किया जाएगा।

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