रायपुर, 10 जून 2024/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार द्वारा बस्तर अंचल के सुदूर वनांचल विशेषकर नक्सल प्रभावित गांवों में बुनियादी सुविधाएं और वनवासियों को सरकार की योजनाओं का बिना किसी व्यवधान के लाभ पहुंचाने के प्रयास सफल होने लगे है। सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित गांवों में अब यह सुविधाएं तेजी से पहुंचने लगी है। शासन-प्रशासन के इन प्रयासों को सफल करने में नियद नेल्लानार योजना अहम रोल अदा कर रही है। नियद नेल्लानार की बदौलत अब नक्सल प्रभावित गांवों में शासकीय अमले की आमदरफ्त बढ़ी है। जिसके चलते वनवासियों का भरोसा बढ़ा है और अब वह सरकारी नुमाइदों से बेझिझक मेल-मुलाकात करने के साथ ही अपनी जरूरतों को बताने लगे हैं।
माओवाद प्रभावित इन गांवों में सुरक्षा कैम्पों की स्थापना और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के विशेष प्रयासों से शुरू हुई नियद नेल्लानार योजना से ग्रामीणों में एक नया विश्वास जगा है। सुरक्षा कैम्पों के आसपास के पांच गांवों को चिन्हित कर शासन की 32 कल्याणकारी एवं विकास योजनाओं के तहत आवास, अस्पताल, पेयजल, बिजली, सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल जैसी बुनियादी सुविधाओं की तेजी से उपलब्धता सुनिश्चत करने के साथ ही हितग्राही मूलक कार्यक्रमों का लाभ भी दिया जा रहा है, ताकि लोगों के जीवन स्तर में सुधार हो सकें।
बीजापुर के डुमरीपालनार गांव में पहुंचने लगी बुनियादी सुविधाएं शासन-प्रशासन के प्रति वनवासियों में जगा विश्वास
ग्रामीणों ने अब माओवादियों की भय और आतंक की चादर को उतार फेंका है। गांवों में बुनियादी सुविधाओं के विकास की बातें होने लगी है। बैलाडीला पहाड़ियों से निकलने वाले लाल दूषित पानी को पीने को मजबूर डुमरीपालनार के ग्रामीणों को अब स्वच्छ पेयजल मिलने लगा है। प्रशासन ने इस गांव में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 5 हैण्डपंप भी लगवा दिए है। बीजापुर के गंगालूर, पुसनार, हिरोली सड़क मार्ग से होते हुए डुमरीपालनार पहुंचने पर यह स्पष्ट रूप से पता चलता है कि इस गांव की तस्वीर और ग्रामीणों की तकदीर में अच्छा खासा बदलाव आया है। ग्रामीणों में विकास के प्रति जागरूकता और आत्मविश्वास बढ़ा है।