कुत्ते का जूठा भोजन देने पर कार्रवाई, स्व सहायता समूह को मिड-डे मिल संचालन से हटाया गया

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बलौदाबाजार: जिले के लच्छनपुर गांव के सरकारी स्कूल में बच्चों को कुत्ते का जूठा खाना परोसने पर कार्रवाई हुई है. यहां मिड-डे मिल (मध्याह्न भोजन) के दौरान बच्चों को ऐसा खाना परोसा गया, जिसे एक आवारा कुत्ता पहले ही चाट चुका था. फिलहाल, जय लक्ष्मी स्व सहायता समूह को मिड-डे मिल के संचालन से अस्थायी रूप से अलग किया गया है. क्या है पूरा मामला जानिए: दरअसल, घटना की 28 जुलाई की बताई जा रही है. जब मिडिल स्कूल में बच्चों को मध्याह्न भोजन परोसा जा रहा था, तभी एक आवारा कुत्ता किचन के पास रखी सब्जी को चाट गया. कुछ बच्चों ने यह देखकर शिक्षकों को बताया.

मना करने के बाद भी दी गई सब्जी: सूचना मिलने पर शिक्षकों ने रसोइयों को चेताया भी कि, जूठी सब्जी बच्चों को न दी जाए. लेकिन रसोइया समूह की महिलाओं ने यह कहकर इनकार कर दिया कि “सब्जी जूठी नहीं हुई है” और उन्होंने वही खाना जबरन 84 बच्चों को परोस दिया.

पैरेंट्स को पता चलने के बाद हुआ बवाल: स्कूल से घर लौटे बच्चों ने पूरी घटना परिजनों को बताई. ग्रामीणों और पालकों ने स्कूल पहुंचकर शिक्षकों और शाला विकास समिति के अध्यक्ष झालेंद्र साहू से शिकायत की. साथ ही मामला विधायक तक भी पहुंचा. विधायक संदीप साहू ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर घटना की जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

मीडिया में मामला आने के बाद कार्रवाई: घटना की जानकारी प्रमुखता से उजागर की गई खबर प्रकाशित होते ही प्रशासन हरकत में आया. विकास खंड शिक्षा अधिकारी, पलारी ने इस मामले में जांच का आदेश दिया. 2 अगस्त को गठित प्रारंभिक जांच दल ने जब मौके पर पहुंचकर पड़ताल की, तो शिकायतों की पुष्टि हुई.

स्कूल संस्था को दी गई जिम्मेदारी: जांच रिपोर्ट के आधार पर जय लक्ष्मी स्व सहायता समूह पर कार्रवाई. तत्काल प्रभाव से माध्यमिक शाला लच्छनपुर के मध्यान्ह भोजन संचालन से अस्थायी रूप से अलग कर दिया गया. इसकी जगह अब अस्थायी रूप से मध्यान्ह भोजन संचालन की जिम्मेदारी स्कूल के संस्था प्रमुख को सौंपी गई है.

इस लापरवाही से 78 बच्चों को एंटी-रेबीज का टीका भी लगा: ग्रामीणों के कहने और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 78 बच्चों को एंटी-रेबीज इंजेक्शन भी लगाया गया है.

क्या मामला दबाया जा रहा था: देर से लापरवाही उजागर होने पर इस मामले को दबाने का सवाल भी उठ रहा है. जानकारी के मुताबिक, ग्राम पंचायत और स्कूल समिति की शिकायत पहले ही जिला अधिकारियों तक पहुंच गई थी, लेकिन न तो कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया और न ही मीडिया को जानकारी दी गई. जब खबर अन्य मीडिया संस्था के माध्यम से बाहर आई, तब जाकर कार्रवाई की गई.

क्या कहता है प्रशासन: विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जारी पत्र में स्पष्ट लिखा गया है कि समूह द्वारा गंभीर लापरवाही की गई है. यदि जांच में समूह की गलती पक्की पाई गई, तो स्थायी कार्रवाई भी की जा सकती है.

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