जिंदगी के 61वें पड़ाव पर उम्मीदों को दे रहे हैं पंख..

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राज्य खेल अलंकरण प्राप्त कर चुकी वेटरन खिलाड़ी शारदा तिवारी जीवन के 61वें पड़ाव में भी सबके लिए एक प्रेरणा स्रोत बनती जा रही हैं। कई अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में देश के लिए गोल्ड जीतकर अब वह गोल्डन वुमेन के रूप में अपना पहचान बना रही है। उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार ने 2023 शहीद विनोद चौबे खेल अलंकरण से नवाजा है। वे शाटपूट, हेमर थ्रो, तवा फेक स्पर्धा में अब तक के 50 से अधिक मेडल जीत चुकी हैं।

अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में हिस्सा ले चुकी हैं। आमंत्रण ट्राफी कलकत्ता में शामिल होकर उन्होंने देश के लिए मेडल जीतकर कई देशों की खिलाड़ियों को पराजित किया। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर के स्पर्धाओं में हिस्सा ले चुकी हैं। देश भर में कई स्पर्धाओं में लगातार भाग लेकर हम सबको गौरवान्वित कर रही हैं।

राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर उन्होंने अपने यात्रा के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि 50 साल के उम्र में वेटरन खेलों के प्रति उनका रूझान बढ़ने लगा और गृहणी होने की वजह से कुछ समय निकाल कर अभ्यास करने लगी और नियमित अभ्यास से इस समय एक सफल खिलाड़ी के तौर पर सबको प्रेरणा दे रही हैं।

सौजन्य दैनिक भास्कर अख़बार

उनका मानना है कि आप यदि मजबूत इच्छा शक्ति के साथ अपने लक्ष्यों के लिए जुटते हैं तो आपको सफल होने से कोई रोक नहीं सकता और लगातार अभ्यास से आप दक्ष होते हैं। कई अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में हिस्सा ले चुकीं श्रीमती शारदा तिवारी नेपाल में आयोजित वेटरन खेलों में हिस्सा लेंगे जिसके लिए तैयारी कर रही हैं।

इससे पूर्व हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र सहित छत्तीसगढ़ में हुए मास्टर एथेलेटिक्स चैम्पियनशीप में वे अपने जीत का सिलसिला जारी रखी हैं। उनका कहना है कि युवा पीढ़ी को खेलों से जुड़कर बेहतर स्वास्थ व मजबूत राष्ट्र के लिए जुटना चाहिए।

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