मास्टर एथलीट शारदा तिवारी अब दूसरी महिलाओं को कर रही प्रेरित

Spread the love

बिलासपुर में रहने वाली 58 साल वर्षीय एथलीट शारदा तिवारी की कहानी किसी फिल्म की कहानी जैसी ही है। 25 सालों तक गृहिणी बनकर परिवार की जिम्मेदारी उठाई। बच्चों को आगे बढ़ाया। उनकी प्रेरणा से दोनों बेटियों ने राष्ट्रीय खेलों में शिरकत की। बीपीएड, एमपीएड करने के बाद खेल शिक्षक के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाली शारदा परिवार की जिम्मेदारियों को निभाती रही लेकिन तभी उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि अभी देर नहीं हुई।


शारदा जी अपने सपने साकार कर सकती हैं। अब शारदा फिर से मैदान में उतरकर अपने सपने को जीने लगी हैं। इन्हीं योगदान के लिये छत्तीसगढ़ सरकार ने शहीद विनोद चौबे खेल सम्मान 2019-20 से सम्मानीत किया है। वे 58 साल की उम्र में भी नियमित खेल स्पर्धा में सक्रिय है

2014 से एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में भाग ले रही हैं। पहली बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने बैंगलुरू गई थी।

वहां कांस्य पदक प्राप्त किया था। इसके बाद बेटी राशि और रिया सहित परिवार के सदस्यों ने हौंसला बढ़ाया, तो उन्होंने अपनी उड़ान तेज कर दी। हाल ही में उन्होंने वाराणसी में आयोजित मास्टर एथलेटिक्स प्रतियोगिता में 58 साल की उम्र में हैमर और डिस्कस थ्रो इवेंट में दो स्वर्ण पदक जीतकर सभी को हैरान कर दिया। शानदार प्रदर्शन करते हुए पदक प्राप्त कर महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी शारदा अब तक राष्ट्रीय

2019 मणिपुर में 1 रजत और 1 कांस्य जीती और फिर कोरोना के बाद पहली प्रतियोगिता में 2 स्वर्ण पदक वाराणसी में प्राप्त किए।

शारदा ने राष्ट्रीय स्पर्धा में बंगलुरू में 1 कांस्य, तमिलनाडु में 1 रजत, विदिशा में 2 रजत व 1 कांस्य, लखनऊ में 2 स्वर्ण व । रजत, गोवा में 1 रजत व 1 कांस्य, नासिक में 4 स्वर्ण हैमर, डिस्कस, जैवलिन, शॉटपुट के लिए मिला, नासिक में दोबारा 3 स्वर्ण हैमर, डिस्कस और शॉटपुट के लिए मिला।

कैंसर पीड़ित खिलाड़ी से मिली प्रेरणा

शारदा बताती हैं कि वाराणसी में प्रतियोगिता के दौरान लखनऊ की कैंसर पीड़ित चंद्रकांता चन्ना से मिली। वह भी इस प्रतियोगिता में भाग लेने आई थी। यहां उन्होंने डिस्कस थ्रो में भाग लिया और पदक भी हासिल किया। शारदा उनके खेल के प्रति लगाव और हिम्मत को देखकर बहुत प्रेरित हुई। जब वे कैंसर से लड़ते हुए भी खेल में भाग ले सकती हैं, तो हम तो स्वस्थ हैं, प्रतियोगिताओं में भाग ले ही सकते हैं।स्पर्धाओं में 22 स्वर्ण पदक प्राप्त कर चुकी हैं।

सभार:दैनिक भास्कर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *