जी हां बहनो और भाइयो, मैं हूं आपका दोस्त अमीन सयानी’ थम गई रेडियो की मखमली आवाज..

Spread the love

4th पिलर्स डेस्क cover story

दूरदर्शन धारावाहिक रामायण के प्रसारण के दौरान जिस तरह शहरों की गलियां सूनी हो जाया करती थीं कुछ वैसा ही हाल बिनाका गीतमाला के प्रसारण के दौरान हुआ करता था . उनकी हसीन आवाज़ में जब बहनों और भाइयो की उद्घोषणा होती तो श्रोता रोमांचित हो जाया करते थे . उनकी जादुई आवाज़ श्रोताओं को मन्त्र मुग्ध कर रेडिओ से बाँध देती थी .
कालांतर में बिनाका गीतमाला का नाम सिबाका गीतमाला हो गया लेकिन उनकी लोकप्रियता में कोई अंतर नहीं पड़ा . उन्होंने बाद में “गीतमाला” और फिर “गीतमाला की छाँव” शीर्षक से भी संगीत के कार्यक्रम प्रस्तुत किये .

अमीन सायानी ने रेडिओ के लिए 54 हज़ार कार्यक्रम और 19 हज़ार स्पॉट्स और जिंगल प्रस्तुत किये थे .रेडिओ प्रसारण की दुनिया से उनका परिचय करवाया था अपने ज़माने के मशहूर रेडिओ ब्रॉडकास्टर , उनके बड़े भाई हमीद सायानी ने जो अमीन साहब से 6 साल बड़े थे और आकाशवाणी मुंबई में नैमेत्तिक उद्घोषक के रूप में काम करते थे .अमीन साहब की रेडिओ में यात्रा भी आकाशवाणी मुंबई से शुरू हुई थी . और उसके बाद तो दशकों तक अमीन सायानी रेडिओ प्रसारण की दुनिया के बेताज बादशाह बने रहे .

अपने बाद की पीढ़ी को उन्होंने लगातार प्रेरित किया . उनके परिवार का भारत के स्वतंत्र आन्दोलन से गहरा जुड़ाव था और महात्मा गांधी से भी परिवार का बहुत नजदीकी सम्बन्ध था . आपके वालिद पेशे से डॉक्टर थे और उनके भी चाचा रहम्तुलाह सायानी जिनकी मुंबई में लॉ फ़र्म थी “पेन गिल्बर्ट एंड सायानी “वो अपने समय के नामी वकील और कार्पोरेटर थे और उन्हीं की लॉ फ़र्म में गांधी जी ने बतौर वकील अपने करियर की शुरुआत की थी .

रहम्तुलाह सायानी साहब अपने ज़माने में ऑल इंडिया कॉन्ग्रेस कमिटी के सदर भी रहे .अमीन सायानी साहब के नाना मौलाना आज़ाद और महात्मा गांधी के चिकित्सक थे और अमीन साहब की अम्मा कुल्सुम सायानी को गांधी जी अपनी बेटी की तरह मानते थे जो प्रौढ़ शिक्षा के लिए उन दिनों बहुत महत्वपूर्ण काम कर रही थीं गांधी जी के कहने पर वो तीन भाषाओँ में एक पाक्षिक पत्रिका “रहबर” शीर्षक से भी प्रकाशित किया करती थीं जो एक साथ देवनागरी लिपि में हिन्दी ,उर्दू और गुजरती में निकलती थी .
अमीन साहब शुद्ध हिन्दी के बदले आम बोलचाल की हिन्दुस्तानी ज़बान पसंद करते थे . जितने बेहतरीन वो कार्यक्रम प्रस्तोता थे उतने ही शानदार , सरल ह्रदय के विनम्र इंसान थे . रेडिओ में काम करने के अलावा उन्होंने अनेक प्रतिष्ठित मंचों पर 2 हज़ार से अधिक महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का संचालन किया था . अमीन साहब ने भूतबंगला , तीन देवियाँ , बॉक्सर और क़त्ल नाम की फ़िल्मों में अभिनय भी किया था . सन 2009 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री के नागरिक अलंकरण से सम्मानित किया था . रेडियो प्रसारण में उल्लेखनीय योगदान के लिए समय समय पर उन्हें अन्य अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *