लोगों को ठगने वाली वेबसाईटें प्रतिबंधित

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FOURTHPILLARSDESK-SHIRIN SIDDIQUI

सोशल मिडिया के जहाँ अनेक लाभ हैं तो कुछ नुक्सान भी हैं और ये नुक्सान तभी होते हैं जब लोग असावधान होते हैं और पैसों के लालच में सायबर ठगों के झांसे में आ जाते हैं .कहीं पैसे दुगने किये जाने का लालच दिया जाता है ,कहीं नौकरी दिलाने का . कुछ सायबर ठग लोगों की नेट सर्च की आदतों पर नज़र रखते हैं और सर्च करने वाला यदि किसी अनधिकृत साईट पर या ग़लत साईट पर चला जाता है तो सायबर ठग उसे अपने फैलाये जाल में उलझाने का प्रयास करते हैं और चालाकी से उसकी कई निजी और महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कर उसे ब्लैकमेल कर आर्थिक हानि पहुंचा सकते हैं .

इनके शिकार ज़्यादातर बेरोजगार युवा , घरेलु महिलाएं और बुज़ुर्ग होते हैं .हाल ही में केंद्र सरकार ने रोज़गार दिलाने के नाम पर बेरोज़गार युवाओं को ठगने वाली 100 वेबसाईटें प्रतिबंधित कर दी हैं .

इन वेबसाईटों को फ़र्ज़ी अकाउन्ट्स के आधार पर या फिर किराये पर लेकर चलाया जा रहा था . सायबर ठग इसके लिए चैट-मैसेंजरों और भ्रामक डिजिटल विज्ञापनों का इस्तेमाल कर रहे थे .ये सायबर ठग अपने शिकार को मेटा और गूगल के अलावा व्हाट्सएप्प और टेलीग्राम जैसे संदेह भेजने में इस्तेमाल होने वाले एप्स के ज़रिये घर बैठे मोटी कमाई करने के विज्ञापन भेजते थे . विज्ञापन पर क्लिक करते ही ठगों के बीच का ही कोई व्यक्ति उपयोगकर्ता को मोटा लाभ कमाने के तरीक़े बतलाता और कुछ जानकारियां साझा करने के साथ ही व्यापार शुरू करवाने में मदद के नाम पर या रजिस्ट्रेशन के नाम पर अच्छी ख़ासी रक़म अपने शिकार से झटक लेता था .

सायबर ठगों के लिए कार्ड नेटवर्क , क्रिप्टो करेंसी , विदेश स्थित फ़र्ज़ी कम्पनियों का सहरा लिया गया और बहुत सा धन एटीएम से निकाल लिया .

ठग अपने शिकार को वीडियो को लाइक करने या सब्सक्राइब करने के लिए भी कहते और उनकी दी गई लिंक पर क्लिक करते ही ठगों का काम हो जाता . ठगी में लिप्त अधिकांश वेबसाईटें विदेशों से संचालित की जा रहीं थीं . इन सायबर ठगों ने मासूम लोगों को बेवकूफ़ बनाकर लूटा अपना अधिकांश धन विदेशों में स्थित अपने बैंक खातों में भेज दिया या फिर वहां मौजूद अपने संपर्कों तक पहुंचा दिया .

आज कल किसी कुरियर कम्पनी से आये फ़र्ज़ी पार्सल , बिजली के बिल के नाम पर भी ठगी की शिकायतें मिल रही हैं ऐसे में अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है . सायबर पुलिस और बैंकिंग संस्थाएं समय-समय पर लोगों को इसके लिए आगाह भी करती हैं कि लोग किसी अनजान स्रोत से भेजी गई लिंक पर क्लिक न करें

अपने बैंक अकाउंट , ए.टी.एम कार्ड , आधार कार्ड और पैन कार्ड की जानकारी किसी भी अनजान व्यक्ति से शेअर न करें . किसी भी संदिघ्ध नज़र आने वाली वेबसाईट पर जाने से बचें . अच्छा होगा यदि आप अपने स्मार्टफ़ोन या कंप्यूटर में कोई बेहतर एंटीवायरस का इस्तेमाल करें जो आपको समय रहते ऐसे ठगों का शिकार होने से पहले ही सावधान कर सकें .

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