कैस्पियन सागर के किनारे बसा दागिस्तान रूस का हिस्सा होने के बाद भी खुद को लंबे समय से अलग-थलग मानता रहा. करीब एक दशक पहले इसे यूरोप का सबसे खतरनाक इलाका माना जाता रहा, जहां बम ब्लास्ट, फायरिंग और लोगों का लापता होना आम बात थी. सुन्नी-मुस्लिम बहुल इस प्रांत में हाल में यहूदियों पर हमले की कोशिश हुई
दागिस्तान में थी यहूदियों पर बड़े हमले की तैयारी, हमास-इजरायल जंग के बीच क्यों चर्चा में है रूस का ये इलाका
कैस्पियन सागर के किनारे बसा दागिस्तान रूस कैस्पियन सागर के किनारे बसा दागिस्तान रूस का हिस्सा होने के बाद भी खुद को लंबे समय से अलग-थलग मानता रहा.
हमास और इजरायल के बीच चल रही लड़ाई में यहूदियों के लिए हेट क्राइम बढ़ रहा है. अब रूस के दागिस्तान प्रांत से डराने वाले वीडियो आए हैं, जिसमें हजारों की संख्या में मुस्लिमों ने मखाचकाला एयरपोर्ट पर हमला बोल दिया.
दरअसल उन्हें पता लगा था कि एयरपोर्ट पर तेल अवीव से एक विमान आया है, जिसमें यहूदी सवार हैं. इजरायल के गाजा पट्टी पर हमले से नाराज भीड़ उन्हें नुकसान पहुंचाने की योजना बनाने लगी. लोगों से मांगा जा रहा था पासपोर्ट इसी प्लानिंग के तहत लोग एयरपोर्ट से गुजरती कारों को रोककर उनसे पासपोर्ट मांगने लगे ताकि इजरायल के लोगों को पहचानकर नुकसान पहुंचाया जा सके. हिंसक भीड़ पर मुश्किल से काबू पाया जा सका. इधर रूस के राष्ट्रपति पुतिन समेत अधिकारियों ने लोगों की सुरक्षा की गारंटी दी है. साथ ही एयरपोर्ट भी वापस खोला जा चुका है. इस बीच ये बात हो रही है कि रूस के इस प्रांत में क्या अलग है, जो वो इतना हिंसक हो सका.