राज्य में सिंगल यूज प्लॉस्टिक के विलोपन अथवा उसके उपयोग को समाप्त करने हेतु जनजागरूकता पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इस तारतम्य में विगत दिनों मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स की आयोजित प्रथम बैठक में विभिन्न औद्योगिक संस्थानों एवं विभागों को सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प तलाशने व देश के अन्य राज्यों में लागू सर्वाेत्तम व्यावहारिक तरीकों को अपने राज्य में लागू करने की संभावना को तलाशा जाने के निर्देश दिए गए।
जिसमें यह भी निर्देशित किया गया कि सिंगल यूज प्लास्टिक के विलोपन के संबंध में जनजागरूकता के लिए व्यापक स्तर पर अभियान भी चलाया जाए।
सिंगल यूज प्लास्टिक के विलोपन के संबंध में भारत सरकार से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्ययोजना पर प्रभावी ढंग से अमल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है।
उद्योग विभाग तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को सिंगल यूज प्लॉस्टिक से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने वाले उद्योगों को सूचीबद्ध करने तथा सिंगल यूज प्लॉस्टिक के रिसाईक्लर, ब्रान्ड ऑनर एवं प्रोड्यूसर को पंजीकृत करने हेतु निर्देशित किया गया है।
प्लॉस्टिक के विकल्प के रूप में दोना पत्तल एवं अन्य लघु वनोपज के बढ़ावा देने के लिए टेक्नीकल इंटरवेन्शन के लिए अनुसंधान संस्थान की सहायता लिए जाने के संबंध में निर्णय लिया गया है।
आवास एवं पर्यावरण विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सभी सम्बंधित सदस्य इस जन-जागरूकता में शामिल होकर इसे सफल बनाने में जुट गए हैं ।
पर्यावरण विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कैरी बैग के अतिरिक्त अल्प-जीवन पीवीसी एवं क्लोरीनयुक्त प्लास्टिक अर्थात् विज्ञापन एवं प्रचार सामग्री (पीवीसी के बैनर, फ्लेक्स, होर्डिंग्स, फोम बोर्ड आदि) तथा खानपान के लिये प्रयुक्त प्लास्टिक की वस्तुएं ( एवं उपयोग छत्तीसगढ़ राज्य में प्रतिबंधित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा सिंगल यूज़ प्लास्टिक के विलोपन के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में टास्क फ़ोर्स का गठन किया गया है। इस समिति में सचिव, आवास एवं पर्यावरण विभाग, सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग, सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, सचिव, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग एवं सदस्य सचिव, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल सदस्य के रूप में शामिल किये गये हैं।