CM बघेल स-परिवार गौरा-गौरी और गोवर्धन पूजा की परम्परा को आमजन के साथ निभाते हुए प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की..

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छत्तीसगढ़ में गोवर्धन पूजा के दिन गायों की पूजा करने की परम्परा है। गायों को सजा-धजा कर उनकी पूजा कर खिचड़ी खिलाई जाती है और गोधन के रूप में अमूल्य चीजों के लिए श्रद्धा और आभार प्रकट किया जाता है भूपेश बघेल ने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती मुक्तेश्वरी बघेल और परिवार के सदस्यों के साथ गौरा-गौरी और गोवर्धन पूजा की और गौमाता को खिचड़ी खिलाकर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की मंगलकामना की। 

मुख्यमंत्री ने पारंपरिक वेशभूषा में राउत नर्तक दलों के बीच पहुंचकर उनका उत्साह बढ़ाया यादव समाज द्वारा राउत नाचा की शानदार प्रस्तुति पर मुख्यमंत्री अपने आप को नहीं रोक सके और राउत नाचा नर्तक दल के साथ वे भी पारंपरिक भेष भूषा में दल में शामिल हुए। उन्होंने गाड़ा बजा की धुन पर नर्तक दल के सदस्य के कदम से कदम मिलाकर राउत नाच में उनका साथ दिया।

इस अवसर पर अपना उद्बोधन प्रारंभ करते हुए जम्मो छत्तीसगढ़िया भाई-बहिनी मन ला देवरी, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, मातर अउ गौठान दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दीं मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार छत्तीसगढ़ में दीपावली अच्छे से मनाई गई।

दीपावली के कुछ दिन पहले 17 अक्टूबर को न्याय योजनाओं के अंतर्गत करीब 1900 करोड़ रुपए की राशि का अंतरण किसानों, पशुपालकों, स्व सहायता समूहों, भूमिहीन कृषि मजदूरों को किया गया था। इसके साथ ही कर्मचारियों के डीए में बढ़ोतरी भी कर दी गई थी। इससे इस साल भी छत्तीसगढ़ में बहुत उत्साह से दीपावली मनाई गई है। देवारी तिहार एवं गोवर्धन पूजा उत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ में एक दूसरे के घर में दीपक पहुंचाने की परंपरा है। यह परंपरा लक्ष्मी पूजा से शुरू होती है, गौरा-गौरी पूजन, गोवर्धन पूजा तक इस परंपरा का निर्वहन होता है।

दीपावली, भगवान राम के अयोध्या आगमन के उत्सव का त्योहार है। इस त्यौहार के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाती है, भगवान कृष्ण जो स्वयं एक क्रांतिकारी विचारक थे उन्होंने न केवल अपने विचारों से बल्कि कार्यों से भी पूरी दुनिया को संदेश दिया है। भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की पूजा को प्राथमिकता दी। हमारी छत्तीसगढ़ सरकार भी गौ माता की सेवा करने का काम कर रही है। गोवंश के हित में हमारी सरकार लगातार हम कर रही है। आज पशुपालकों को भी इसका लाभ मिल रहा है। दुर्ग, राजनांदगांव, धमतरी, बिलासपुर, कबीरधाम सहित पूरे प्रदेश के नागरिक यहां आए हैं।

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