आज शाम यहां उनके निवास कार्यालय में कावेरी नदी किसान संरक्षण समिति तमिलनाडु के कृषक प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की और उन्हें मुलाकात के दौरान स्वयं के खेतों से उगाए गन्ना सहित गुड़, कटहल, काजू की टोकरी भेंट की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने उत्साह के साथ मौके पर ही गुड़ आदि का स्वाद चखा और सराहना की। प्रतिनिधियों द्वारा मुख्यमंत्री श्री बघेल को तमिलनाडु में विशिष्ट सम्मान हेतु दिए जाने वाले चंदन की माला पहनाकर उनका सम्मान किया गया।
छत्तीसगढ़ राज्य में किसानों की उन्नति के लिये चलाये जा रहे विभिन्न किसानोन्मुखी योजनाओं के बारे में तमिलनाडु के कृषक प्रतिनिधिमंडल द्वारा भरपूर सराहना की गई और समस्त कृषकों की ओर से उनके प्रति आभार जताया गया। इस दौरान विशेष रूप से तमिलनाडु से आये कृषकों द्वारा छत्तीसगढ़ में संचालित राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गौधन न्याय योजना सहित कृषकों की उन्नति संबंधी विभिन्न योजनाओं को किसानों के हित में उल्लेखनीय बताया गया
मुख्यमंत्री को अपने खेतों में उगाए गन्ने, काजू, कटहल और गन्ने से बने गुड़ किये भेंट
मुख्यमंत्री बघेल को प्रतिनिधिमंडल ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ में किसानों को उनके फसल धान का सबसे अधिक मूल्य मिल रहा है, जो देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है। यह राज्य सरकार द्वारा किसानों के उत्थान और उनके हित में एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम है। इसी तरह गोधन न्याय योजना से पशुपालक कृषकों को गोबर जैसी चीज से भी मिल रहे पैसा और गोठानों में संचालित गतिविधियों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिल रही मजबूती के बारे में भी सराहना की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल से चर्चा के दौरान तमिलनाडु के प्रतिनिधमंडल ने छत्तीसगढ़ में चलाये जा रहे कृषि उन्मुखीकरण योजनाओ से प्रभावित होकर उनसे इससे संबंधित राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला का छत्तीसगढ़ में आयोजन के लिये आग्रह किया। उन्होंने बताया कि इससे देशभर से अन्य राज्यों के कृषक अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर योजनाओं का भरपूर लाभ उठा सकते हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में किसानों को गन्ने में सर्वाधिक समर्थन मूल्य दिया जा रहा है इसके साथ ही स्थानों की प्रगति के लिए जो विभिन्न योजनाएं शासन द्वारा चलाई जा रही हैं वह सराहनीय है। प्रदेश में धान के किसानों को समर्थन मूल्य के अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत दिए जा रहे 9 हजार रुपये प्रति एकड़ की इनपुट सब्सिडी और धान के अलावा अन्य फसल की खेती करने वाले किसानों को 10 हजार प्रति एकड़ की दर से सब्सिडी देने की योजना की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ये सभी कल्याणकारी योजनायें किसानों की समृद्धि एवँ उनकी स्थिति सुधारने के लिए राज्य शासन का सराहनीय कदम है।