यूक्रेन और रूस के बीच जंग शुरू हो चुकी है. जिसे लेकर तमाम देशों ने आपत्ति जताई है और रूस की इस कार्रवाई की निंदा की है. अब इस मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. जिसमें बताया गया है कि, नाटो देशों ने रूस के खिलाफ कार्रवाई की पहल शुरू कर दी है
NATO Action on Russia: अमेरिका ने भेजी सेना
हम आपको बता दें कि,यूक्रेन लगातार NATO में शामिल होने की बात करता आया है, लेकिन रूस ने हमेशा से इसका विरोध किया है. क्योंकि रूस नहीं चाहता है कि बाकी देशों की सेनाएं यूक्रेन की सीमाओं पर अपना बेस बनाएं. साथ ही यूक्रेन के जिन इलाकों पर रूस अपना अधिकार रखता है, उन्हें लेकर वो हमेशा से ही वो दुनियाभर के देशों से हस्तक्षेप नहीं करने की बात करता आया है. पुतिन का कहना है कि वो इसलिए नाटो के विस्तार के खिलाफ हैं, क्योंकि अमेरिका उनके लिए एक बड़ा खतरा है और उसे वो अपने देश की सीमाओं के पास नहीं आने दे सकता.
यूक्रेन पर हमले के बाद नाटो देशों की एक बड़ी बैठक में ये फैसला लिया गया है.
इस बैठक में नाटो ने कहा है कि वो सहयोगी देशों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. बता दें कि NATO दुनियाभर के तमाम देशों का एक सैन्य संगठन है, जिसे ऐसी ही युद्ध के हालात के लिए बनाया गया है. अगर नाटो में शामिल किसी भी देश पर हमला किया जाता है तो इसे नाटो पर हमला माना जाता है, इसके बाद सभी देश मिलकर उस हमला करने वाले देश पर कार्रवाई करते हैं.
इस कार्रवाई की पहल के बीच अमेरिका ने अपनी सेना को यूक्रेन की तरफ भेजना शुरू कर दिया है. अमेरिकी सेना रूस को घेरने के लिए लातविया पहुंच चुकी है. जिसके बाद रूस की सेना को पीछे धकेलने का काम हो सकता है. हालांकि रूस अपने हमले को रोकने के लिए तैयार नहीं है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अन्य देशों को इसके लिए चेतावनी भी दी है. उन्होंने कहा कि दूसरे देश इस मामले में हस्तक्षेप करने की कोशिश न करें.
Why are Russia and Ukraine at War: राष्ट्रपति पुतिन द्वारा सैन्य कार्रवाई के आदेश के बाद रूस ने यूक्रेन पर ताबड़तोड़ मिसाइल हमले शुरू कर दिए हैं। इस हमले में कम से कम 50 लोगों की मौत हुई है। इनमें 10 आम नागरिकों के मारे जाने की बात सामने आई है। यूक्रेन ने भी रूस के 50 सैनिक मारने की बात कही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडाइमिर जेलेंस्की ने इस बीच रूस के साथ राजनयिक संबंध तोड़ने का एलान किया। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन संकट को लेकर उच्चस्तरीय कैबिनेट बैठक के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की। इसमें उन्होंने पुतिन से अपील की कि यूक्रेन संकट का हल बातचीत से निकाला जाए।
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
रूस लंबे समय से यूक्रेन के यूरोपियन संस्थान, नाटो और यूरोपीय यूनियन की ओर बढ़ने के कदम का विरोध करता रहा है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया कि यूक्रेन पश्चिम (देशों) की कठपुतली है और यह कभी पूर्ण देश नहीं था.
उन्होंने पश्चिमी देशों से इस बात की गारंटी देने की मांग की है कि यूक्रेन NATO (North Atlantic Treaty Organization) से नहीं जुड़ेगा.
पूर्ववर्ती सोवियत संघ के देश के तौर पर यूक्रेन के रूस के साथ सामाजिक संबंध हैं और यहां रूसी भाषा बहुतायत में बोली जाती है लेकिन रूस के हमले के बाद से यह संबंध खराब हुए हैं.
रूस ने यूक्रेन पर तब हमला किया था जब इसके रूसी समर्थक राष्ट्रपति को वर्ष 2014 में हटा दिया गया था. इसके बाद से हुए संघर्ष में 14 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
रूस और यूक्रेन में मिंस्क शांति समझौते पर दस्तखत किए थे ताकि डोनबास क्षेत्र सहित पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष को रोका जा रहे लेकिन चूंकि अब संघर्ष जारी है तो रूस ने कहा है कि हम संघर्ष वाले क्षेत्र में पीसकीपर्स (शांतिरक्षकों) को भेज रहे हैं. दूसरी ओर पश्चिमी देशों ने इसे रूस का ढकोसला करार दिया है.
रूस और यूक्रेन के बीच ताजा तनाव यूरोपीय यूनियन की सीमा पर है इसे लेकर ईयू को चिंता स्वाभाविक है. यही कारण है कि ईयू, जिसमें बड़ी संख्या में नाटो देश शामिल हैं, रूस के खिलाफ प्रतिबंध की घोषणा कर रहे है.
कुछ सप्ताह पहले ही फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मेक्रॉन ने तनाव में कमी के लिए रूस के राष्ट्रपति से बातचीत के वास्ते मॉस्को की उड़ान भरी थी
यूक्रेन की राजधानी कीव में मौजूद भारतीय दूतावास की तरफ से एडवायज़री जारी कर कहा गया है कि यूक्रेन में बहुत अनिश्चितता की स्थिति है. आप शांति बनाए रखे और अपने घरों, हॉस्टलों और रास्तों में जहां हैं, वहां सुरक्षित रहें.
रूस के खिलाफ कार्रवाई की पहल शुरू – लातविया पहुंची अमेरिकी सेना
रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है. यूक्रेन ने भी रूस पर हमले का एलान कर दिया है. अब यह जंग कहां जाकर और कब जाकर रुकेगी, किसी को नहीं पता है. येसिर्फ आने वाला समय यात करेगा |