सत्ता के संघर्ष में सियासत की मशाल थामे पार्टी के योद्धा नई इबारत लिखने की जुगत में चल पड़े…

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‘कई आंख बदलती है कई बाहें बदलती है

सियासत भी मोहब्बत की तरह राहें बदलती है’… हम बात कर रहे। है कांग्रेस पार्टी की, जो बड़ी- बड़ी आपदा और आपात से ना हिली, जिस पार्टी के बड़े पेड़ के गिरने से धरती हिल जाया करती थी अब वह उत्तर प्रदेश में अपने लिए जमीन तलाश रही है..इस पार्टी के सारथी प्रियंका गांधी और भूपेश बघेल नजर आ रहे है..cm भूपेश बघेल कहते है हम जातीय धर्म, और राम नाम पर नही बल्की विकास के नाम से चुनाव लडेंगे…अब जनता जनार्दन विकास के साथ है या जाती धर्म के साथ इसका पता आने वाले दिनों में चल ही जाएगा लेकिन अभी उत्तर प्रदेश की जनता बहुत खुश हैं, खुश इस लिए है क्योंकि बिन मांगे मुरादे पूरी हो रही, सत्ता के स्वामी अब घर घर जाकर गर्दन झुका रहे है जिसे देखने लाखों की भीड़ में जाना पड़ता था वो अब खुद घर घर आ रहे.. खैर परिणाम जो भी हो नेताजी अब हवा में बाते नही करते घर आकर परिवर्तन की बात कहते है..अब जनता शिकायत नही करेगी नेताजी सुनते नहीं..इस चुनाव में मंच सभाओं का काफी खर्च बचा है जो भी सरकार आयेगी कम से कम नया टैक्स तो नही लगाएगी..।।

सत्ता के संघर्ष में सियासत की मशाल थामे पार्टी के योद्धा अब कर्म पथ पर घर- घर अपनी दस्तक दे रहे है, अखिलेश यादव राहत की घुट्टी देते नजर आ रहे है..।
वही दूसरी और योगी अपने बीते राज पाठ के साथ राम नाम की डोर थामे बीजेपी को पार लगाने की कोशिश में लगे हैं, अब बात उस पार्टी की जिसने देश में सालों राज किया, जिसके राज में देश ने लकीर से लेकर आपदा और आपात का काल देखा, बस अब जनता भी उम्मीद की नइ राह तक रही है बदलाओ की मुन्तजिर कहती है

घरों पर नाम थे नाम के साथ ओहदे…..बहोत तलाश किया कोई आदमी न मिला ।

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