रायपुर, 10 फरवरी। समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति का उत्थान वर्गहीन, जातिविहीन और संघर्ष मुक्त सामाजिक व्यवस्था भारतीय संस्कृति का सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक एकीकरण जैसे युग परिवर्तन करने वाले विचारों के पुरोधापुरुष श्रद्धेय पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम भारत के महान विभूतियों में शामिल है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के बलिदान दिवस पर फोर्थ पिल्लार्स न्यूज़ उन्हें नमन वंदन करता है तथा उनकी यशगाथा को अनंतकाल याद रखने का व लोगों के बीच पहुंचाते रहने का संकल्प लेता है
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के बलिदान दिवस पर फोर्थ पिल्लर्स न्यूज़ परिवार उन्हें नमन वंदन करता है तथा उनकी यशगाथा को अनंतकाल याद रखने का व लोगों के बीच पहुंचाते रहने का संकल्प लेता है
भारतीय जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 11 फरवरी को 56वीं पुण्यतिथि है। 25 सितंबर भारतीय इतिहास के लिए बहुत खास दिन है क्योंकि इस दिन भारतीय राजनीतिज्ञ, एकात्म मानववाद विचारधारा के समर्थक और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अग्रदूत, राजनीतिक दल भारतीय जनसंघ (बीजेएस) के नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का जन्म हुआ था.
जानकारी के मुताबिक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी एक ब्राह्मण परिवार से थे उनका पालन-पोषण पढ़ाई लिखाई उनके मामा के घर हुआ. सीकर के महाराजा ने उन्हें एक स्वर्ण पदक, किताबें खरीदने के लिए 250 रुपये और 10 रुपये की मासिक छात्रवृत्ति दी. और उन्होंने अपना इंटरमीडिएट पिलानी , राजस्थान , अब बिड़ला स्कूल, पिलानी से किया. उन्होंने सनातन धर्म कॉलेज, कानपुर से बीए की डिग्री ली.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व विधायक किरण देव ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक महान विचारक और समाज में नव उत्थानकर्ता थे। उन्होंने भारतीय संस्कृति और मूल्यों के आधार पर एक समृद्ध और शक्तिशाली भारत के निर्माण करने का सपना देखा था। हम सबको उनके विचारों और आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।