24 से 26 फरवरी शाम तक चला कांग्रेस का तीन दिन का महाधिवेशन में कई छोटे-बड़े 85 संशोधन किए, लेकिन इसमें चर्चा में वो 6 बड़े संशोधन ही रहे जिन्हें पार्टी प्रवक्ताओं ने प्रमुखता से बताया। चाहे वो संचार प्रमुख जयराम रमेश हो, रणदीप सुरजेवाला हो या पवन खेड़ा, मीडिया के सामने लगातार आए, लेकिन टू द पॉइंट बात करते ही दिखे
सोनिया गांधी के भाषण के बाद उनके रिटायरमेंट पर, EVM के विरोध पर साथी दलों का रुख, टीएमसी से गठबंधन की बातचीत जैसे कई मुद्दों पर प्रवक्ताओं ने उत्तर नहीं दिए। बहरहाल अब बात उन तीन बड़ी बातों की जो इस महाधिवेशन से सामने आई।
राहुल गांधी ने 7 सितंबर 2022 से कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी। इसके खत्म होते-होते कांग्रेस को यह अहसास हो गया था कि इस यात्रा ने पूरे देश में कांग्रेस का माहौल बना दिया है। रणनीतिकारों को समझ में आया इसका असर होता है। यह यात्रा देश के सिर्फ 12 राज्यों से गुजरी थी। इनमें छत्तीसगढ़ सहित ऐसे भी राज्यों से लोग थे जिनके प्रदेशों में यात्रा नहीं गई लिहाजा महाधिवेशन ऐसा मौका था कि जिसके जरिए वर्चुअल ही सही भारत जोड़ो यात्रा जैसा माहौल यहां बनाया जा सकता है।
अधिवेशन में तो पूरे देश से कांग्रेसी आए थे।
अधिवेशन स्थल, यहां आने वाली सभी सड़कों, सभी पंडालों, सभी चौक-चौराहों, जहां भी हो सकता था वहां राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तस्वीरें लगाई गईं। यात्रा के दौरान गरीबों, महिलाओं, बच्चों से मिलते, बारिश में भीगते, पसीने से लथपथ राहुल के बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए। यही यात्रा सभी नेताओं के भाषण में भी छाई रही। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पहले भाषण से आखिरी दिन जनसभा के संबोधन तक राहुल की भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र बार-बार, लगातार हुआ।
दूसरी बात- मोदी-अडानी होगा कांग्रेस का चुनावी मुद्दा ही जोर शोर पर रहा ।
- और बेहतरीन बातचीत के साथ ये महाधिवेशन समाप्त हुआ