23 जुलाई यानी राष्ट्रीय प्रसारण दिवस, देश के प्रसारण इतिहास का एक महत्वपूर्ण दिन। रायपुर वालों के लिए यह और भी महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि, यहां भव्य आकाशवाणी केंद्र है। जिसकी पूरे देश में ख्याति है
टेलीविजन के आगमन से पहले रेडियो ही एकमात्र प्रसारण माध्यम था. भारत ने अपना पहला रेडियो प्रसारण जून 1923 में देखा, जिसकी शुरुआत रेडियो क्लब ऑफ़ बॉम्बे द्वारा की गई थी. इसके बाद 23 जुलाई 1927 को इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी (IBC) देश की पहली रेडियो कंपनी बनी. यह तिथि अब भारत में हर साल राष्ट्रीय प्रसारण दिवस के रूप में मनाई जाती है, जो देश में रेडियो प्रसारण की शुरुआत की याद दिलाती है.
हर साल 23 जुलाई 2022 को नेशनल ब्रॉडकास्टिंग डे मनाया जाता है. इस दिन को सेलिब्रेट करना रेडियो श्रोताओं के लिए सुखद अनुभव के सामान है
इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी की स्थापना 23 जुलाई, 1927 को हुई थी, लेकिन केवल तीन वर्षों के बाद ही इसका अस्तित्व समाप्त हो गया. और फिर ऑल इंडिया रेडियो (AIR) के जन्म का मार्ग प्रशस्त किया. AIR ने अप्रैल 1930 में भारतीय प्रसारण सेवा के रूप में अपनी यात्रा शुरू की और बाद में, 8 जून, 1936 को इसे ऑल इंडिया रेडियो के रूप में पुनः ब्रांडेड किया गया.
उल्लेखनीय है कि प्रसिद्ध आकाशवाणी धुन की रचना उसी वर्ष भारतीय यहूदी शरणार्थी वाल्टर कॉफमैन ने की थी.
पीछे मुड़कर देखे तो , टीवी, मोबाइल आने के बाद धीरे-धीरे लोगों की रेडियो सुनने में दिलचस्पी खत्म हो गई थी लेकिन प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम आने के बाद रेडियो को भारतीय समाज में फिर से जगह मिली। लोग बड़े चाव से मन की बात सुनते हैं। दरअसल, मन की बात कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है पीएम मोदी के मन की बात और विचारों को लोगों तक पहुंचाना। इस कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें राष्ट्र के समाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अन्य विषयों पर अपने विचार रखने का मौका मिलता है। जो अपने आप लोकप्रिय होता चला गया ये ही कारण है आज लोग आकाशवाणी को इतने चाव से सुनते आ रहे है और इसकी प्रसिध्धि कभी कम नही होगी