शरीर में रक्त शर्करा स्तर का अनियंत्रित होना ही मधुमेह है . मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसे मौन हत्यारा कहा जाता है . इस पर ध्यान नहीं देने का मतलब है स्वास्थ्य को गंभीर ख़तरा . मधुमेह वंशानुगत भी होता है और कोई लोगों को अन्य कारणों से . अस्त व्यस्त जीवन शैली और खानपान ,तनाव युक्त जीवन भी मधुमेह को आमंत्रित करते हैं . दुनिया भर में 1992 से हर बरस 14 नवम्बर को मधुमेह दिवस मनाया जाता है
एक अध्ययन के अनुसार दुनियाभर में 50 करोड़ से भी अधिक लोग मधुमेह से पीड़ित हैं और अगले 30 वर्षों में यह संख्या दोगुनी से भी अधिक हो जायेगी डायबिटीज के जोखिम को देखते हुए , लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है। डायबिटीज मेलेटस ,जिसे सामान्यतः मधुमेह कहा जाता है, चयापचय संबंधी बीमारियों का एक समूह है जिसमें लंबे समय तक रक्त में शर्करा का स्तर उच्च होता है।
यदि समय पर इस का ठीक से उपचार न किया जाए या इसके प्रति लापरवाही बरती जाए तो मधुमेह कई गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है जिनके कारण हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी की विफलता एवं गैंग्रीन हो जाने के आलावा आँखों को नुक्सान पहुँच सकता है .
मधुमेह में अग्न्याशय या पैन्क्रियाज़ पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता जिससे रक्त में शर्करा की मात्रा अनियंत्रित होने लगती है . मधुमेह होने पर ये लक्षण दिखाई पड़ते हैं बार बार बार पेशाब आना , बहुत अधिक प्यास लगना , बार बार भूख लगना , वज़न का अचानक कम हो जाना , बहुत थकान लगना , त्वचा में खुजली होना , किसी घाव का जल्दी ठीक न होना और दृष्टि का धुंधला पड़ जाना .