आमजनों तथा स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोगों को प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं (ADR – Adverse Drug Reaction) के सम्बन्ध में जागरूक करने आज रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरु स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के फार्माकोलॉजी विभाग द्वारा राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह मनाया गया। डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के फिजियोथेरेपी हाल में आयोजित कार्यक्रम में विशेष तौर पर नर्सिंग स्टॉफ को दवाओं के प्रतिकूल प्रभावों की रिपोर्ट फौरन करने को लेकर जागरूक किया गया। अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एस.बी.एस. नेताम ने एडवर्स ड्रग रिएक्शन की बेहतर रिपोर्टिंग करने के लिए मेडिसीन विभाग के डॉ. आर.एल. खरे और चर्म रोग के विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युंजय सिंह को सम्मानित किया।
रायपुर मेडिकल कॉलेज में मनाया गया राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह
अब कोई भी नागरिक, मेडिकल स्टॉफ, रोगी या उसका परिचारक कर सकता है दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव की रिपोर्टिंग आज रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरु स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के फार्माकोलॉजी विभाग द्वारा राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह मनाया गया।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के फिजियोथेरेपी हाल में आयोजित कार्यक्रम में विशेष तौर पर नर्सिंग स्टॉफ को दवाओं के प्रतिकूल प्रभावों की रिपोर्ट फौरन करने को लेकर जागरूक किया गया। मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. तृप्ति नागरिया तथा डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एस.बी.एस. नेताम ने एडवर्स ड्रग रिएक्शन की बेहतर रिपोर्टिंग करने के लिए मेडिसीन विभाग के डॉ. आर.एल. खरे और चर्म रोग के विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युंजय सिंह को सम्मानित किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फार्माकोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. उषा जोशी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाता जैसे डॉक्टर एवं नर्स हेल्थ केयर सिस्टम के प्रमुख अंग हैं। इन सबके बीच प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं (एडीआर) और इसकी रिपोर्टिंग के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए महाविद्यालय में राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह मनाया जा रहा है
डॉ. शिखा जायसवाल ने कार्यक्रम में बताया कि लोग दवाओं और टीकों के कारण ज्ञात या अज्ञात, गंभीर या गैर-गंभीर प्रतिक्रियाओं की रिपोर्ट कभी भी कर सकते हैं।
इसके साथ ही मरीज कोविड-19 की दवाओं के कारण हुए विभिन्न प्रतिक्रियाओं की रिपोर्ट कर सकते हैं।
ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें रोगियों और स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा उल्लेखनीय दुष्प्रभावों की सूचना के बाद बाजार से दवाएं वापस ले ली गईं।
फार्माकोलॉजी विभाग की प्रीति सिंह ने बताया कि एडीआर की रिपोर्टिंग के लिए हेल्थ केयर सिस्टम में शामिल डॉक्टर, फार्मासिस्ट, नर्स व स्वयं मरीज तथा मरीज की देखरेख कर रहे व्यक्ति को पूरा ध्यान देने की जरूरत है।