जल है तो कल है, बेहतर भविष्य के लिए पानी बचाने का आह्वान करना ज़रूरी है

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स्कूली बच्चों और ग्रामीणों ने किया जंगल और नाला जलग्रहण क्षेत्र का भ्रमण

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में ‘‘विश्व जल दिवस’’ के अवसर पर वन विभाग द्वारा बस्तर वनमंडल जगदलपुर के जगदलपुर परिक्षेत्र की छिंदबहार पंचायत के डोंगरीपारा के भरजोड़ी नाला क्षेत्र में स्कूली बच्चों और ग्रामीणों के साथ जंगल भ्रमण एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया। मुख्य वन संरक्षक श्री मोहम्मद शाहिद ने बताया कि भ्रमण और परिचर्चा में स्कूली बच्चों और ग्रामीणों को जल की महत्ता, उपयोगिता एवं संरक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

  • भ्रमण पश्चात आयोजित परिचर्चा में बस्तर वनमण्डल के वनमण्डलाधिकारी श्री डी.पी. साहू ने विश्व जल दिवस के आयोजन के उद्देश्यों के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दिया। उन्होंने कहा कि विश्व जल दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को जल की महत्ता समझना और जल के संरक्षण में वनों के महत्वपूर्ण योगदान के संबंध में जागरूक करना है।
  • परिचर्चा के दौरान विश्व जल दिवस के लिए इस वर्ष की थीम ‘‘भूजल: अदृश्य को दृश्यमान बनाना’’ के क्रियान्वयन के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई। बस्तर वनमंडल के अधिकारी के साथ ग्राम पंचायत छिंदबहार के ग्रामीण एवं स्कूली छात्र-छात्राएं, वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने जल भण्डारण क्षेत्र का भ्रमण किया।
जल है तो कल है, बेहतर भविष्य के लिए पानी बचाने का आह्वान
  • छिंदबहार पंचायत के संरपच श्री सोनाधर ने परिचर्चा को संबोधित किया। उन्होंने अपने आस-पास जल संरक्षण एवं वनों के महत्व के बारे में स्थानीय बोली में स्कूली बच्चों और ग्रामीणों को जानकारी दी।
  • वन प्रबंधन समिति की महिला सदस्य श्रीमती चंद्रवती ने भी नरवा विकास कार्यक्रम के अंतर्गत भरजोड़ी नाला क्षेत्र में किए गए कार्यों और जल संरक्षण के उपायों के पश्चात होने वाले लाभ के बारे में बताया।
  • स्कूल छात्रा कुमारी फुलमनी कश्यप ने पेड़-पौधे लगाने के साथ उनकी सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। फुलमनी ने कहा कि पौधों की सुरक्षा सरल उपाय बताते हुए कहा कि पौधे के चारों ओर घेरे में चार खूंटा गढ़ाकर पुराने साड़ी से घेरा किया जा सकता है ताकि पौधे को नुकसान न पहुंच पाये।
  • पौधे लगाकर और उनकी सुरक्षा कर हम आने वाली पीढ़ी के लिए अधिक से अधिक वनों को सुरक्षित रख सकते हैं। नरवा विकास अंतर्गत निर्मित तालाब में जाकर पानी के संरक्षण के संबंध में बच्चों और ग्रामीणों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
  • क्यों मनाना पड़ा विश्व जल दिवस
  • विश्व के सभी देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने के लिए ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में वर्ष 1992 को संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दौरान जल दिवस मनाने की पहल की गई थी। साल 1993 से संयुक्त राष्ट्र ने इसे वार्षिक दिवस की तरह मनाने का निर्णय लिया। हर साथ जल दिवस पर संयुक्त राष्ट्र की ओर से थीम रखी जाती है। साल 2020 में ये थीम जहां जल और जलवायु परिवर्तन थी, वहीं साल 2021 में पानी का महत्व रही। वहीं साल 2022 की थीम है भूजल : अदृश्य को दृश्यमान बनाना।

इस दौरान वहां मौजूद थे

उप वनमण्डलाधिकारी चित्रकोट श्री मोहन सिंह नायक, उप वनमण्डलाधिकारी बस्तर श्री आर.एन. सोरी, परिक्षेत्र अधिकारी माचकोट श्री संजय रौतिया, परिक्षेत्र अधिकारी बकावण्ड श्री जे.पी. दर्रो, परिक्षेत्र अधिकारी चित्रकोट श्री प्रकाश सिंह ठाकुर, वनक्षेत्रपाल श्री बी.डी. मानिकपुरी, वन क्षेत्रपाल श्री सौरभ रजक, वन क्षेत्रपाल श्री लछिन्दर बघेल, ग्राम छिंदबहार डोंगरीपारा के ग्रामीण, स्कूली छात्र-छात्रायें उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन एवं कार्यक्रम संचालन उप वनमण्डलाधिकारी जगदलपुर श्रीमती सुषमा जे. नेताम ने किया।

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