जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ जानें हमारे प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को

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श्री विष्णु देव साय (21 फरवरी 1964 को जन्मे) एक भारतीय राजनेता हैं जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ के चौथे मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। वह पद को संभालने वाले पहले जनजाति के नेता हैं। 2020 से 2022 तक भारतीय जनता पार्टी, छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष के रूप में भी उन्होंने कार्य किया। वह वर्तमान में छत्तीसगढ़ विधानसभा में कुनकुरी का प्रतिनिधित्व करते हैं।

21 फरवरी 1964 को जन्मे श्री विष्णु देव साय एक भारतीय राजनेता हैं जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ के चौथे मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। वह पद को संभालने वाले पहले जनजाति के नेता हैं। 2020 से 2022 तक भारतीय जनता पार्टी, छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष के रूप में भी उन्होंने कार्य किया। वह वर्तमान में छत्तीसगढ़ विधानसभा में कुनकुरी का प्रतिनिधित्व करते हैं।

एक नज़र आपके निजी जीवन पर

श्री विष्णु देव साय का जन्म एक किसान परिवार में जशपुर जिले के बागिया गाँव में श्री राम प्रसाद साय और श्रीमती जसमनी देवी के घर हुआ था। उन्होंने 1991 में कौशल्या देवी से विवाह किया। विष्णु देव साय का जन्म 21 फरवरी 1964 को छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के फरसाबहार विकासखण्ड के ग्राम बगिया में हुआ। उनके पिता स्वर्गीय श्री रामप्रसाद साय और माता श्रीमती जसमनी देवी साय हैं। विष्णु देव साय का विवाह 27 मई 1991 को कौशल्या देवी साय से हुआ। उनके एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं। विष्णु देव साय ने जशपुर जिले के कुनकुरी से अपनी हायर सेकेण्डरी की शिक्षा पूरी की।

विष्णु देव साय आदिवासी कंवर समाज से आते हैं। वे मूलतः किसान परिवार से हैं, उनका परिवार लंबे समय से राजनीति से जुड़ा हुआ है। उन्होंने विशेष पिछड़ी जनजातियों के जीवनस्तर में सुधार के लिए लगातार कार्य किया।

परिवार के राजनीतिक अनुभवों का लाभ श्री साय को मिला है। उनके बड़े पिताजी स्वर्गीय नरहरि प्रसाद साय एवं स्वर्गीय केदारनाथ साय की पहचान कुशल राजनेताओं के रूप में रही है। स्वर्गीय नरहरि प्रसाद साय सन् 1962 से 1967 तक लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र एवं सन् 1972 से सन् 1977 तक बगीचा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। इसके बाद 1977 से 1979 तक वे सांसद तथा भारत सरकार में केंद्रीय संचार राज्य मंत्री रहे। बड़े पिता जी स्वर्गीय केदारनाथ साय ने जनसंघ के समय 1967 से 1972 तक विधायक के रूप में तपकरा विधासभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। श्री विष्णु देव साय के दादा स्वर्गीय बुधनाथ साय भी सन् 1947 से 1952 तक विधायक रहे।

विष्णु देव साय की सामाजिक कार्यों में गहरी रुचि तथा सक्रियता रही है। उन्होंने आदिवासी समाज की शिक्षा तथा आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास की दिशा में अनेक कार्य किए हैं।

श्री साय भगवान श्रीराम के प्रति अगाध श्रद्धा रखते हैं। वे प्रलोभनपूर्वक अथवा बल-छल पूर्वक धर्मान्तरण के विरोधी हैं। संघर्ष भरी राहें मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने हायर सेकंडरी तक की पढ़ाई की है। चौथी कक्षा की पढ़ाई के दौरान ही उनके पिता का निधन हो गया। मां जसमनी देवी और दो छोटे भाइयों ओम प्रकाश साय तथा विनोद साय के भरण-पोषण की जिम्मेदारी श्री विष्णु देव साय के कंधों पर आ गई। हायर सेकंडरी के बाद वे आगे की पढ़ाई जारी नहीं रख पाए। उन्होंने खेती-किसानी को पारिवार की आजीविका का माध्यम बनाया। इसी दौरान वे भारतीय जनता पार्टी के नेता और तत्कालीन सांसद स्व. दिलीप सिंह जूदेव के संपर्क में आए। श्री साय स्व. दिलीप सिंह जूदेव को अपना राजनीतिक मार्गदर्शक मानते हैं।

विष्णु देव साय ने तत्कालीन अविभाजित मध्यप्रदेश में सन् 1989 में बगिया ग्राम पंचायत के पंच के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। सन् 1990 में ग्राम पंचायत बगिया के निर्विरोध सरपंच चुने गए। 1990 में पहली बार तपकरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने।

विष्णु देव साय सन् 1990 से सन् 1998 तक तत्कालीन मध्यप्रदेश के तपकरा विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे। रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सन् 1999 से लगातार 4 बार सांसद चुने गए। सन् 1999 में 13वीं लोकसभा, 2004 में 14वीं लोकसभा, सन् 2009 में 15वीं लोकसभा और 2014 में 16वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किए। विष्णु देव साय ने 27 मई 2014 से 2019 तक केन्द्रीय राज्य मंत्री के रूप में इस्पात, खान, श्रम व रोजगार मंत्रालय का प्रभार संभाला।

वर्ष 2006 में वे भारतीय जनता पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। सन् 2020 से 2022 तक उन्होंने पुनः भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में दायित्वों का निर्वहन किया। 02 दिसंबर 2022 को वे भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में सम्मिलित किए गए। 08 जुलाई 2023 को वे भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य बनाए गए।

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