इस बार गणतंत्र दिवस कई मायने में अलग होने वाला है
कोरोना, गाइड लाईन का पालन करते हुए सभी अतिथियों ने भारत आने का न्योता ठुकरा हैं इसलिए हम सब भारत वासी आपस में ही मिलजुल कर इस खास दिन को उत्सव स्वरूप मनाएंगे
इस बार राजपथ में शामिल होंगे कोरोना वारियर्स ,सोशल वर्कर, डाक्टर हेत्ल्थ वर्कर्स उस समारोह की गरिमा बढ़ाएंगे,दूर दूर तक बड़े स्क्रीन लगाये गए हैं, ताकी हर आम जन सोशल डिसटेंशन का ख्याल रख सके समारोह में अंत तक शामिल रहें,
चलिए छोटी सी जानकारी देते चले की गणतंत्र दिवस क्यों और कैसे मनाया गया
हम आपको बता दे की देश की आजादी के करीब ढाई साल बाद साल 1950 में 26 जनवरी को उसका संविधान मिला था। बता दें कि सन् 1948 के आरंभ में ही डॉ. बी.आर अंबेडकर ने संविधान सभा में पहली बार संविधान की रूपरेखा प्रस्तुत की थी। हालांकि, इनमें कुछ संशोधनों के बाद नवंबर 1949 में इसे एक्सेप्ट कर लिया गया और 26 जनवरी, 1950 को संविधान पारित हुआ। तब से हर साल इस दिन भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष देश अपना 73वां रिपब्लिक डे मनायेगा। बता दें कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान कहा जाता है।
बता दें कि इसी दिन सन् 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था।
देश के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक गणतंत्र दिवस के दिन देशवासी स्वतंत्रता सेनानियों व वीर योद्धाओं को स्मरण करते हैं। हर वर्ष इस दिन राष्ट्रपति तिरंगा झंडा फहराते हैं और 21 तोपों की सलामी दी जाती है। रिपब्लिक डे पर देश में राष्ट्रीय अवकाश घोषित है। हालांकि, कई विद्यालयों व संस्थानों में इस दिन रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है।
इस खास मौके पर दिल्ली के राजपथ पर भव्य परेड और झांकियों का आयोजन किया जाता है। इसका समापन 29 जनवरी को बीटिंग द रीट्रीट सेरेमनी के साथ होता है। इसमें भारतीय जल, थल और वायु सेना के बैंड शामिल होते हैं।
ये समारोह राष्ट्रपति भवन के पास मनाया जाता है जिसमें स्वयं भारत के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के रूप में विराजमान होते हैं। तीनों सैन्य टुकड़ियों के प्रमुख उन्हें इस दिन सलामी देते हैं। हमें आज़ादी बड़ी ही मुश्किलों बाद मिली है इसे सहेज और संभल कर रखें
इसके साथ ही प्रदेश में राजधानी रायपुर में cmभूपेश बघेल ने विशेष निर्देश दिया है गणतंत्र दिवस को सभी शांतिपूर्वक को मनाये,और आपस में भाईचारा बनाये रखे तभी भविष्य में आगे की हर लड़ाई लड़ी जा सकती है