विख्यात मराठी कवि राजा नीलकंठ बढे की कालजयी रचना : जय जय महाराष्ट्र माझा , के दो अंतरों को महाराष्ट्र के “राज्य गीत” का दर्जा दिया गया है

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राजकीय समारोहों अथवा अन्य सार्वजनिक समारोहों में राष्ट्र गान के बाद इसे गाया जायेगा .राज्य के सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कवि राजा नीलकंठ बढे की रचना “जय जय महाराष्ट्र” माझा को राज्य गीत के रूप में अनुमोदित किए जाने का प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से मान लिया गया .

“जय जय महाराष्ट्र माझा, गरजा महाराष्ट्र माझा” को महाराष्ट्र राज्यगीत का दर्जा मिला

इस गीत को अधिकृत रूप से महाराष्ट्र के गौरव , अतुलनीय शौर्य और पराक्रम के प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के दिन 19 फ़रवरी से राज्य गीत के रूप में गाया जा सकेगा .1 फ़रवरी को नागपुर के महल इलाक़े में जन्मे राजा नीलकंठ बढे की 111 वीं जयंती के अवसर पर ,उनकी इस महान रचना को महाराष्ट्र राज्य के राज्य गीत के रूप में मान्यता दी गई है. राजा नीलकंठ बढे के लिखे इस राज्य गीत की धुन बनाई है श्रीनिवास खले ने और इसे गाया है शाहीर कृष्णराव साबले ने.
अब तक देश के 12 राज्यों ने अपने- अपने राज्य गीतों को अधिकृत रूप से मान्यता दे दी है .ये राज्य हैं : आंध्र प्रदेश, असम, बिहार , छत्तीसगढ़ , गुजरात,कर्नाटक , मध्यप्रदेश , मणिपुर, ओड़िशा, पुडुचेरी , तमिलनाडु और उत्तराखंड .
महाराष्ट्र राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य गीत की प्रस्तुति अथवा उसके गायन को लेकर आवश्यक शिष्टाचार के दिशा निर्देश भी जारी किए हैं.

इस राज्य गीत के गायन या पुलिस बैंड पर इसकी प्रस्तुती की कुल अवधि होगी 1 मिनट 41 सेकेंड. राज्य के सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों का शुभारंभ राज्य गीत से होगा जहां इसे जीवंत गाया जा सकेगा या इसका ऑडियो बजाया जा सकेगा .
1 मई को महाराष्ट्र दिवस के अवसर पर झंडा वंदन के पश्चात राष्ट्र गान बजाया जायेगा और उसके बाद राज्य गीत. विधान मंडल के दोनों सदनों में हर अधिवेशन के पहले दिन वंदे मातरम् के तुरंत बाद राज्य गीत का ऑडियो बजाया जायेगा.
स्कूलों में दैनिक कामकाज शुरू होने के पूर्व परिपाठ, प्रतिज्ञा ,प्रार्थना और राष्ट्रगान के साथ राज्य गीत भी गया या बजाया जायेगा.

राज्य सरकार के सभी शिक्षण संस्थान, सभी प्रकार के गैर सरकारी संगठन, निजी प्रतिष्ठान , स्वयंसेवी संगठन और सभी नागरिक संस्कृतिक कार्यक्रमों और खेल आयोजनों में राज्य गीत को सम्मानपूर्वक बजाने का ध्यान रखेंगे.
राज्य गीत से संबंधित शिष्टाचार से जुड़े दिशा निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि, राज्य गीत के आरंभ होने पर, उसे सम्मान देने के लिए, नागरिकों को सावधान की मुद्रा में खड़ा होना होगा . गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों और बुजुर्गों को इस नियम से छूट दी गई है.
राज्य के पुलिस बैंड भी राज्य गीत की धुन बजाने के लिए मान्य होंगे. महाराष्ट्र में नए शैक्षणिक सत्र से राज्य गीत को “स्टेट बोर्ड ऑफ़ स्कूल एजुकेशन” की पाठ्य पुस्तकों में भी शामिल किए जाने का प्रावधान है.

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