रायपुर, 10 जून 2023/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हमारी कोशिश गांव-शहर के साथ ही वनांचलों के विद्यार्थियों को शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध कराने की है। इस वर्ष बोर्ड परीक्षा में दूरस्थ अंचलों के बच्चों ने अच्छी सफलता पायी है। बच्चों में कुशाग्रता की कमी नही है। जरूरत उन्हें अवसर प्रदान करने की है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल आज स्वामी आत्मानंद मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना अंतर्गत छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की वर्ष 2023 की वार्षिक परीक्षा में कक्षा 10वीं और 12वीं प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। समारोह में सभी मेधावी छात्र-छात्राओं को डेढ़-डेढ़ लाख रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने समारोह में प्रोत्साहन राशि को मेधावी छात्र-छात्राओं के बैंक खाते आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर किया। प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन मुख्यमंत्री निवास में किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आर्थिक रूप से पिछड़े व कमजोर वर्ग को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए विशेष पिछड़ी जनजातियों-अबूझमाड़िया, बैंगा, बिरहोर, कमार और पहाड़ी कोरवा के हाईस्कूल और हायर सेकण्डरी में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया जा रहा है। इन सभी विद्यार्थियों को भी डेढ़-डेढ़ लाख रूपये प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बच्चों से कहा कि आपने अपनी मेहनत और लगन तथा प्रावीण्य सूची में स्थान बनाने में सफलता प्राप्त की है। जब हम कोई लक्ष्य हासिल करते है तो समाज और परिवार में सम्मान बढ़ता है। उन्होंने बच्चों को सीख देते हुए कहा कि सफलता से आपके व्यवहार में बदलाव नहीं आना चाहिए। सफलता पर गर्व करें, घमण्ड नहीं, विनम्र बनें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खुशी की बात है कि प्रावीण्य सूची में अधिकतर विद्यार्थी छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचल के ग्रामीण परिवेश से है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश में शिक्षा का वातावरण बनाया है। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी और हिन्दी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए गए हैं। जिनकी गुणवत्ता इतनी अच्छी है कि आज बच्चे पहले स्वामी आत्मानंद स्कूल में प्रवेश लेना चाहते है बाद में निजी स्कूल में। राजधानी रायपुर के आर.डी. तिवारी स्कूल में बच्चों की दर्ज संख्या 56 थी। इस स्कूल में स्वामी आत्मानंद स्कूल प्रारंभ करने के बाद अब यहां बच्चों की दर्ज संख्या बढ़कर लगभग 1000 हो गई है।
प्रदेश में संचालित स्वामी आत्मानंद स्कूलों में सीटों की संख्या से कई गुना ज्यादा आवेदन प्रवेश के लिए मिल रहे है। हमारी सरकार ने स्कूल, छात्रावास-आश्रम का जीर्णोद्धार, स्कूल में कमरों और भवन का निर्माण कराने के लिए योजना बनाई है। इसके अलावा स्कूलांे की पोताई प्राकृतिक पेंट से करने का फैसला लिया है।
बिलासपुर के ग्राम बेलटुकरी के रीपा से इसकी शुरूआत की गई। धमतरी जिले के एक रीपा में बच्चों के बैठने के लिए व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुविधा के लिए सुकमा, कांकेर जैसे दूरस्थ जिलों में ई-लाईब्रेरी प्रारंभ की गई है। नक्सलियों द्वारा सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा के स्कूलों को क्षतिग्रस्त किया गया था ऐसे 300 स्कूल वर्षों बाद पुनः प्रारंभ किए गए। मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना काल में शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में किए गए नवाचारों की चर्चा देश भर में रही।