वजन त्यौहार 2022 के आंकड़े जारी एक वर्ष में कुपोषण की दर में 2.1 प्रतिशत की आई कमी आई..

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रायपुर, 28 नवम्बर 2022

बच्चों के कुपोषण की दर 19.86 से घटकर 17.76 प्रतिशत पर पहुंची भूपेश बघेल की पहल पर प्रदेश में चलाए जा रहे कुपोषण मुक्ति के अभियान से सकारात्मक परिणाम मिल रहे है cm भूपेश बघेल की पहल पर प्रदेश मेें कुपोषण मुक्ति के लिए चलाए जा रहे अभियान के लगातार सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा वजन त्यौहार 2022 के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। इसके अनुसार प्रदेश में पिछले एक वर्ष में कुपोषण के दर में 2.1 प्रतिशत की कमी आई है। वजन त्यौहार के आंकड़े देखें तो वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ में बच्चों में कुपोषण 23.37 प्रतिशत था, जो वर्ष 2021 में घटकर 19.86 प्रतिशत रह गया और 2022 में घटकर 17.76 प्रतिशत पर आ गया है। इस प्रकार पिछले तीन सालों में कुपोषण की दर में 5.61 प्रतिशत की कमी दिखाई दी है।

गौरतलब है कि 02 अक्टूबर 2019 से प्रदेश में कुपोषण मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान शुरू किया गया है। इससे प्रदेश के लगभग 02 लाख 11 हजार बच्चे कुपोषण के चक्र से बाहर आ गए हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के 2020-21 में जारी रिपोर्ट के आंकड़े देखे जाएं, तो प्रदेश में 5 वर्ष तक बच्चों के वजन के आधार पर कुपोषण की दर 6.4 प्रतिशत कम होकर 31.3 प्रतिशत हो गई है। यह दर कुपोषण की राष्ट्रीय दर 32.1 प्रतिशत से भी कम है।

  • राज्य में बच्चों में कुपोषण दर के आंकलन हेतु हर साल वजन त्यौहार का आयोजन किया जाता है
  • प्रदेश के आंगनबाड़ियों में अभियान चलाकर बच्चों का वजन, ऊंचाई मापकर उनकी उम्र के आधार पर कुपोषण का आंकलन किया जाता है।
  • बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाता है। संग्रहित आंकड़ों की ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में एंट्री कर पारदर्शी प्रक्रिया अपनायी जाती है।
  • इस वर्ष प्रदेश के 33 जिलों के 23 लाख 79 हजार 29 बच्चों का वजन लिया गया। इनमें 19 लाख 56 हजार 616 बच्चे सामान्य पाए गए
  • जबकि 04 लाख 22 हजार 413 बच्चों में कुपोषण की स्थिति देखी गई।
  • इनमें 86 हजार 751 बच्चे गंभीर कुपोषण और 03 लाख 35 हजार 662 बच्चे मध्यम कुपोषित मिले।
  • इन आंकड़ों को जिलेवार, परियोजनावार, पंचायत और आंगनबाड़ीवार पृथक-पृथक संकलित किया गया है, जिससे आंकड़ों का विश्लेषण कर उचित कार्ययोजना के साथ सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ा जा सके। इन परिणामों को सभी कलेक्टरों को भी भेजा गया है।

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