राज्य में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने का सफल आयोजन किया गया
राजधानी रायपुर में तीन दिनों से चल रहे राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक खेलों का आज रंगा-रंग समापन बलवीर सिंह जुनेजा स्टेडियम में हुआ। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक के समापन समारोह में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर हमारे ग्रामीण इलाकों में प्रचलित खेल जो लुप्त हो रहे थे, उनको प्र्रोत्साहन एवं बढ़ावा देने के लिए राज्य में पहली बार छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत की गई है।
राज्य के ग्रामीण अंचल से लेकर शहरों तक छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में शामिल 14 पारंपरिक खेलों में बीते 6 अक्टूबर से लेकर आज तक विभिन्न चरणों में सभी आयु वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के सफल आयोजन के लिए उन्होंने सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इससे राज्य में खेल के प्रति एक सकारात्मक वातावरण बना है।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक की राज्य स्तर की स्पर्धाओं में प्रथम, द्वितीय और तीसरे स्थान पर आने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान कर उनका उत्साह बढ़ाया गया।
ग्रामीण क्षेत्रों में 25 लाख और नगरों में 1.30 लाख लोगों की रही भागीदारी रही
छत्तीसगढ़िया खेलों को संरक्षित करने और आगे बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत की गई है। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को लेकर पूरे प्रदेश में लोगों में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला। बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों, महिलाओं और युवाओं में इन खेलों में पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लिया।
इस प्रतिभागिता में 14 खेलों को शामिल किया गया है जिसमे दलीय खेल में गिल्ली डंडा, पिट्टुल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, बाटी (कंचा) और एकल खेल में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मी. दौड़ तथा लंबी कूद की प्रतिस्पर्धाएं शामिल हैं।प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान कर उनका उत्साह बढ़ाया गया। समापन समारोह में नगर निगम रायपुर के महापौर श्री एजाज ढेबर, राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष श्री जितेन्द्र मुदलियार सहित अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।