रायपुर,10 अप्रैल 2022
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिवरीनारायण में रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर का किया लोकार्पण
90 लाख की लागत से तैयार किया गया है सेंटर
”भावी पीढ़ी को रामायण काल की जानकारी देगा रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर”
छत्तीसगढ़ में विकसित किए जा रहे राम वन गमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत जांजगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण में आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर का लोकार्पण किया। रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर में रामायण कालीन घटनाओं और वनवास काल के दौरान श्री राम के द्वारा पैदल तय किए गए स्थानों के बारे में पेंटिंग्स के जरिए चित्रित जानकारी उपलब्ध कराई गई है| इन पेंटिंग्स के जरिए आने वाली भावी पीढ़ी को रामायण कालीन घटनाओं की जानकारी मिल सकेगी तथा लोग शिवरीनारायण की ऐतिहासिकता को भी अच्छी तरह से समझ सकेंगे |
सेंटर में रामायण कालीन घटनाओं को पेंटिंग्स के जरिए किया गया है प्रदर्शित
सेंटर में है पर्यटन सूचना केंद्र एवं कैफिटेरिया
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज रामनवमी के पावन अवसर पर रायपुर के दूधाधारी मठ पहुंचे। उन्होंने राज्य के लोगों की खुशी, समृद्धि और सुरक्षा के लिए प्रार्थना की। उन्होंने मंदिर परिसर में स्थित श्री राम पंचायन मंदिर में भी पूजा-अर्चना की, जहां माता सीता और उनके तीन भाइयों के साथ भगवान राम की मूर्ति स्थापित है।
90 लाख रुपए की लागत से निर्मित रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर का कुल क्षेत्रफल 6000 स्क्वायर फीट है | इसे 40 बाई 50 फीट के दो हॉल में बांटा गया है| एक हॉल में रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर के साथ ही पर्यटन सूचना केंद्र स्थापित है| रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर के साथ ही इसी भवन में एक 40 बाई 50 स्क्वायर फीट का कैफिटेरिया बनाया गया है ताकि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को यहां पर बेहतर गुणवत्ता का भोजन उपलब्ध हो सके|
रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर और पर्यटन सूचना केंद्र से छत्तीसगढ़ में किसी भी पर्यटन स्थल पर घूमने के लिए पर्यटक अपनी बुकिंग करा सकते हैं तथा छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों की जानकारी भी हासिल कर सकते हैं |
इस अवसर पर राज्य के गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया, राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महंत डॉ रामसुंदर दास, जांजगीर लोकसभा क्षेत्र से सांसद श्री गुहाराम अजगले,
समेत अन्य विशिष्ट अतिथि भी मौजूद थे।
भगवान राम, भगवान कृष्ण, जगद्गुरु शंकराचार्य जी और स्वामी विवेकानंद से लेकर जितने भी महापुरुष हुए हैं उन्होंने समाज को जोड़ने का काम किया है। जो रास्ता जो साधु संतों का है, वही रास्ता हमारा और आप सभी का रास्ता है।