
बस्तर संभाग में आज से छटवां चरण शुरू, 35 लाख से अधिक लोगों की जांच का लक्ष्य, 16 जून तक चलेगा, इस अभियान के असर से मलेरिया पॉजिटिविटी दर 4.6 से घटकर पांचवें चरण में 0.79 पर पहुंची मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का छटवां चरण आज से बस्तर संभाग में शुरू किया गया।

अभियान के तहत इस बार मलेरिया के साथ-साथ टीबी, मोतियाबिंद और स्केबीज की भी जांच की जाएगी और पीड़ितों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा बस्तर संभाग के सभी सात आकांक्षी जिलों के सभी 32 विकासखंडों में 16 जून तक यह अभियान संचालित किया जाएगा। इस दौरान 35 लाख से अधिक लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर मलेरिया, टीबी, मोतियाबिंद और स्केबीज की स्क्रीनिंग की जाएगी।
टीबी के संदेहास्पद मरीजों के बलगम की जांच वालंटियर के माध्यम से निकटतम टेस्टिंग सेंटर में करवाई जाएगी। टीबी पॉजिटिव पाए जाने पर एनटीईपी (National Tuberculosis Eradication Program) स्टॉफ के सहयोग से मरीज का त्वरित उपचार प्रारंभ किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में मलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित बस्तर संभाग में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के पहले पांच चरणों का व्यापक असर दिखा है। पूर्व में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के नाम से संचालित इस अभियान के प्रभाव से वहां एपीआई (Annual Parasite Incidence) यानि प्रति एक हजार की आबादी में सालाना मिलने वाले मलेरिया के मरीजों की संख्या में बड़ी कमी आई है। अभियान के प्रथम चरण में जहां मलेरिया पाजिटिविटी दर 4.6 थी वह घटकर पांचवें चरण में 0.79 रह गई है।
छत्तीसगढ़ में चलाए जा रहे मलेरिया मुक्त अभियान पूरे देश में बेहतर रहा। इसके लिए आज दिल्ली में केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्य को सम्मानित किया। इस दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला, राज्य महामारी संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।