भारत में सड़क दुर्घटनाओं के सन्दर्भ में 2022 से अब तक की रिपोर्ट

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महान फ़िल्मकार राजकपूर की फिल्म मेरा नाम जोकर के एक गीत की पंक्तियाँ हैं : ए भाई ज़रा देख के चलो , आगे ही नहीं पीछे भी . लेकिन अफ़सोस सड़क पर चलने वाले पैदल यात्री और वाहन सवार इस चेतावनी की अकसर अनदेखी करते हैं और इस लापरवाही की क़ीमत चुकाते हैं घायल होकर या जान गंवाकर .


सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में देश के विभिन्न हिस्सों में 4 लाख 61 हज़ार 3 सौ 12 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं, जिनमें 1 लाख 68 हज़ार 4 सौ 91 लोगों की मृत्यु हुई और 4 लाख 43 हज़ार 3 सौ 66 लोग घायल हुए

यदि सड़क हादसों में वार्षिक वृद्धि दर की बात करें तो इसमें 11.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इन हादसों के प्रभावितों में घायलों की संख्या में 15.3 प्रतिशत की और मृत्यु दर में 9.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है .

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2022 में , 4 लाख 61 हज़ार 3 सौ 12 सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिनमें से 1 लाख 51 हज़ार 9 सौ 97 दुर्घटनाएं द्रुत गति के लिए बने महामार्गों पर हुईं .इनमें से 1 लाख 6 हज़ार 6 सौ 82 दुर्घटनाएं राज्य के राजमार्गों पर और 2 लाख 2 हज़ार 6 सौ 33 दुर्घटनाएं अन्य मार्गों पर हुईं .

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की 2022 रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में हईं सड़क दुर्घटनाओं में कुल 1लाख 68 हज़ार 4 सौ 91 लोग मारे गए ।

इनमें से भी 61 हज़ार 38 लोगों की मृत्यु राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुई , राज्य के राजमार्गों पर मरने वालों की संख्या 41,012 यानी 24.3 प्रतिशत थी और 66 हज़ार 4 सौ 41 यानी 39.4 प्रतिशत लोगों को अन्य सड़क दुर्घटनाओं में जान से हाथ धोना पड़ा . 2022 में हुई सड़क दुर्घटनाओं के प्रभावितों में 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग के 66.5 प्रतिशत लोग शामिल हैं . छत्तीसगढ़ में 2022 में हुयी 13 हज़ार 2 सौ 79 सड़क दुर्घटनाओं में 5 हज़ार 8 सौ 34 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और 11 हज़ार 6 सौ 95 लोग घायल हुए .

लगातार हो रही लापरवाही में दुर्घटनाओं में मारे गए अधिकांश दो पहिया वाहन सवार वो थे जिन्होंने हेलमेट नहीं पहना था .

यातायात विभाग हमेशा ही वाहन चालकों को हेलमेट पहनने और सीट बेल्ट लगाने के लिए कहता है बावजूद इसके कई लोग इस अति महत्वपूर्ण अपील को अनसुना कर देते हैं . सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण तेज़ रफ़्तार और ग़लत दिशा से ओवरटेक करना है . इसके अलावा अचानक लेन बदलना , ब्रेक का फ़ेल होना , नशे की अवस्था वाहन चलाना , नाबालिग बच्चों को वाहन चलने की अनुमति देना , वाहन की समय पर जांच न करवाना , ख़राब पुर्ज़ों को समय रहते न बदलना , चलते वाहन के टायर का फट जाना , अचानक वाहन में आग लग जाना भी सड़क दुर्घटनाओं का कारण है .


सड़क दुर्घटना में मरने वाले अधिकांश लोग वो होते हैं जिन्हें समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती ऐसे में रक्त अधिक बह जाने से भी घायल व्यक्ति अस्पताल पहुँचने से पहले ही दम तोड़ देता है . भारत में सड़क हादसों के कारण प्रत्येक वर्ष 15 से 38 अरब अमेरिकी डॉलर के बराबर आर्थिक नुक्सान होता है . सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह मानवीय भूल और लापरवाही है .

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