मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से अबुझमाड़िया जनजाति की लोककला के संरक्षण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान और स्वच्छ भारत मिशन में उनके योगदान को उजागर किया। बुटलूराम माथरा पिछले चार दशकों से जनजातीय लोककला के संरक्षण में सक्रिय हैं। उनके प्रयासों ने न केवल स्थानीय संस्कृति को जीवित रखा है, बल्कि उन्होंने अपनी कला के माध्यम से सामाजिक अभियानों को भी बढ़ावा दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे कार्य समाज को प्रेरित करते हैं और देश की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने में सहायक होते हैं।
उनकी कृतियों में बांस की सजावट, बर्तन और अन्य यांत्रिक उपकरण शामिल हैं, जो न केवल सुंदरता में वृद्धि करते हैं बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हैं। बुटलूराम का मानना है कि कला समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है और इससे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित किया जा सकता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बुटलूराम के प्रयासों को एक मिशन के रूप में देखा, जिसमें सामाजिक कल्याण और सांस्कृतिक संरक्षण दोनों शामिल हैं। उनका यह कार्य निश्चित रूप से दूसरों को प्रेरित करेगा और जनजातीय संस्कृति को संरक्षित करने में मदद करेगा।