नोबेल पुरस्कार और भारतीय प्रतिभाएं

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विगत सोमवार से साल 2023 के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा शुरू हो गयी। फिज़ियोलॉजी या मेडिसिन क्षेत्र के लिए इस वर्ष कैटालिन कारिको और ड्रियू वाइज़मैन को चिकित्सा का नोबेल दिया गया। इनके शोध का आधार न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित है इनकी इस खोज की वजह से कोरोनावायरस यानी सीओवीआईडी-19 के ख़िलाफ़ प्रभावशाली और असरकारक टीकों के विकास में मदद मिली। विजेताओं के नामों की घोषणा की नोबेल समिति के सचिव थॉमस पर्लमैन ने .भौतिकी में ये पुरस्कार तीन लोगों को देने की घोषणा हुई है .ये वैज्ञानिक हैं :

पीयरे अगोस्तिन ,फेरेन्स क्राउज़ और एन एल ह्यूलियर . विजेता को एक स्वर्ण पदक, एक डिप्लोमा, और एक करोड़ स्वीडिश क्रूना का नक़द पुरस्कार दिया जाता है . पहली बार ये पुरस्कार 1901 में दिए गए थे . नोबेल पुरस्कारों की स्थापना की थी अल्फ्रेड बर्नार्ड नोबेल ने जिन्होंने डायनामाइट का अविष्कार किया था

जो नाइट्रोग्लिसरीन की विस्फोटक शक्ति के उपयोग का एक सुरक्षित साधन था . डायनामाइट के अपने अविष्कार को उन्होंने 1867 में पेटेंट करवाया . कालांतर में उनका ये महत्वपूर्ण आविष्कार खदानों में और आधारभूत ढांचों को खड़ा करने के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा .

इसकी लोकप्रियता के पीछे इसका सुरक्षित होना एक बड़ा कारण था . 21 अक्टूबर 1833 को स्टॉकहोम के स्वीडन में जन्मे अल्फ्रेड नोबेल एक रसायनज्ञ और अभियन्ता होने के साथ ही एक प्रतिष्ठित उद्यमी थे और लोकोपकार के लिए भी जाने जाते थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में अनेक अविष्कार किये और अपनी खोजों के लिए 355 पेटेंट हासिल किये थे . नोबेल पुरस्कार के लिए गठित नोबेल फ़ाउंडेशन की शुरुआत 29 जून 1900 में हुई थी जिसकी स्थापना का उद्देश्य था नोबेल पुरस्कारों के लिए धनराशी का प्रबंधन . अल्फ्रेड नोबेल ने इसके लिए एक वसीयत की थी जिसके अनुसार उनकी वसीयत के अधिकांश हिस्से पर उन लोगों का मालिकाना हक़ होगा जिन्होने मानव जाति के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ कार्य किया है।

अल्फ्रेड नोबेल ने जो धन उपलब्ध कराया था उसके ब्याज की राशि से ही , 5 सदस्यों वाली नोबेल फाउंडेशन अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों को उनकी उपलब्धियों के लिए प्रत्येक वर्ष विश्व के इस सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित करती है .

जिन क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्यों हेतु प्रत्येक वर्ष ये पुरस्कार दिए जाते हैं उनके नाम हैं भौतिकी ,रसायन ,शरीर-क्रिया-विज्ञान और चिकित्सा , साहित्य और विश्वशांति . गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय थे जिन्हें उनकी रचना गीतांजलि के लिए 1913 में साहित्य के लिए दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था . भारतीय भौतिकविद चन्द्रशेखर वेंकटरामन को प्रकाश के प्रकीर्णन पर उत्कृष्ट कार्य के लिये वर्ष 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया। उनका आविष्कार उनके ही नाम पर रामन प्रभाव कहलाता है

1998 में अर्थ शास्त्र का नोबेल पुरस्कार अमर्त्य सेन को प्रदान किया गया और 2014 में बच्चों और युवाओं के कल्याण हेतु नोबेल पुरस्कार दिया गया कैलाश सत्यार्थी को . भारतीय मूल की जिन अन्य हस्तियों के ये पुरस्कार मिल चुका है उनके नाम हैं :

डॉक्टर हरगोविंद खुराना ( 1968 चिकित्सा ), सुब्रह्मण्यन् चन्द्रशेखर ( 1983 , भौतिकी ), वेंकटरामन “वेंकी” रामकृष्णन (2009 , रसायन विज्ञान ) और अभिजीत बनर्जी (2019 , अर्थशास्त्र ). विदेशी मूल के जिन भारतीयों को ( भारत निवासी ) नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया उनके नाम हैं : रोनाल्ड रोनाल्ड रॉस ,13 मई 1857 को उनका जन्म भारत के उत्तराखण्ड राज्य के कुमांऊँ के अल्मोड़ा जिले के एक गाँव में हुआ था। उन्हें 1902 में चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था . 30 दिसम्बर 1865 को ब्रिटिश भारत के बम्बई यानी आज के मुंबई में जन्मे , द जंगल बुक के लेखक जोसेफ रुड्यार्ड किपलिंग को 1907 में प्रदान किया गया था साहित्य का नोबेल पुरस्कार . 6 जुलाई 1935 में जन्मे ,तिब्बत से निर्वासित ,चौदहवें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो को 1989 में विश्व शांति में उनके उल्लेखनीय योगदान हेतु नोबेल पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया था .

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