हाल ही में मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय ने एजुकेशन पॉलिसी में बदलाव किया है। यह बदलाव इसरो प्रमुख डॉक्टर के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में किया गया है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से National Education Policy से संबंधित जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। इसी के साथ हम आपको नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का उद्देश्य बताएंगे और नेशनल एजुकेशन पालिसी की विशेषताएं बताएंगे। हम आपको इस लेख के माध्यम से एजुकेशन पॉलिसी में होने वाले बदलाव के बारे में भी बताएंगे। यदि आप National Education Policy से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपसे निवेदन है कि आप हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें।cation Policy, नई शिक्षा नीति PDF
National Education Policy 2023
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत स्कूलों तथा कॉलेजों में होने वाली शिक्षा की नीति तैयार की जाती है। भारत सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 आरंभ की है। जिसके अंतर्गत सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे मुख्य बदलाव किए हैं। National Education Policy के माध्यम से भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा। नेशनल एजुकेशन पालिसी के अंतर्गत 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जी ई आर के साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा (Medical and law studies not included) पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था परंतु अब नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा। यह National Education Policy 2014 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र में शामिल था।
अब विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों के पाठ्यक्रमों में शामिल होगा एनसीसी कोर्स
जैसे कि आप सभी जानते हैं नई शिक्षा नीति के अंतर्गत एनसीसी को प्रोत्साहन देने का प्रावधान है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यूजीसी एवं एनआईसीटी द्वारा एनसीसी को विश्वविद्यालयों में एक वैकल्पिक विषय के रूप में चुनाव किए जाने का निर्णय लिया गया है। नेशनल एजुकेशन पालिसी के माध्यम से देश के विद्यार्थी अनुशासित एवं देश भक्त बन पाएंगे। एनसीसी के लिए एक सामान्य वकलपीत क्रेडिट पाठ्यक्रम होता है। जिसकी जानकारी एनसीसी निदेशालय के कमांडिंग अफसर द्वारा सभी विश्वविद्यालयों तथा टेक्निकल संस्थानों के कुलपतियों को प्रदान की गई है। इस पाठ्यक्रम के बारे में भी कमांडिंग अफसर द्वारा विस्तृत जानकारी प्रोजेक्शन एवं ब्रीफिंग के द्वारा प्रदान की गई है।
उनके द्वारा यह भी जानकारी दी गई है कि वर्ष 2021–22 के पाठ्यक्रम में कई विश्वविद्यालयों में एनसीसी को एक वैकल्पिक विषय बनाया जाएगा। वे सभी छात्र जो एनसीसी कैडेट के रूप में दाखिला प्राप्त करेंगे उन्हें क्रेडिट बी और सी प्रमाण पत्र के अलावा शैक्षणिक क्रेडिट भी प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा उनको विभिन्न केंद्र एवं राज्य सरकार की योजना के अंतर्गत दिए जाने वाली रोजगार सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा।
National Education Policy परामर्श
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को 1986 में बनाया गया था एवं 1992 में संशोधित किया गया था।
इस नीति को बने हुए 3 दशक से अधिक समय बीत चुका है।
इस अवधि के दौरान समाज की अर्थव्यवस्था एवं दुनिया में कई परिवर्तन हुए हैं।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए शिक्षा क्षेत्र द्वारा 21वीं सदी की मांगों को और जरूरतों के प्रति छात्रों को तैयार करने के लिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 लांच की गई।
नेशनल एजुकेशन पालिसी को एक समावेशी, भागीदारी और समग्र दृष्टिकोण को अपनाते हुए परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से तैयार किया गया है।
जिसमें विशेषज्ञों की राय, क्षेत्र के अनुभव, अनुभव जन अनुसंधान, हितधारक प्रतिक्रिया आदि को ध्यान रखा गया है।
नई शिक्षा नीति को तैयार करने के पश्चात इसको पोर्टल पर अपलोड किया गया था। जि
समें जनता सहित हितधारकों के विचार, सुझाव, टिप्पणियां प्राप्त की गई।
पोर्टल पर अपलोड करने के बाद राज्य, संघ राज्य क्षेत्र की सरकारों एवं भारत सरकार के मंत्रालय को द्वारा अपने विचार और टिप्पणी देने के लिए आमंत्रित किया गया।
इस नीति को 22 भाषाओं में अपलोड किया गया था।
इसके अलावा इस संबंध में शिक्षा सचिवों के साथ बैठक भी की गई एवं कई राज्यों में शिक्षा संवाद भी किए गए।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर CABE की एक विशेष बैठक भी आयोजित की गई।
बैठक में विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 26 शिक्षा मंत्री, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि CABE के सदस्य, संगठनों के प्रमुख, विश्वविद्यालय के कुलपति ने भाग लिया।
इन सभी हितधारकों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 लागू कर दी गई।