निपाह वायरस के आउटब्रेक से केरल (Nipah Virus Kerala News) में हालात खराब

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Nipah Virus क्या है? कहां से आया, पहली बार किसे हुआ, इसके लक्षण और इलाज

कहां से आया Nipah Virus?

Nipah Virus एक जूनोटिक वायरस है. मतलब यह वायरस जानवरों से इंसानों में आया है. यह चमगादड़ और सूअर जैसे जानवरों से इंसानों में आता है. यह वायरस संक्रमित भोजन और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है. संक्रमित व्यक्ति को यह वायरस कई तरह परेशान करता है. कई ऐसे अवसर भी होते हैं, जब इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति में कोई लक्षण नजर नहीं आते. जबकि कुछ लोगों में सांस लेने में गंभीर समस्या और इंसेफ्लाइटिस (दिमागी सूजन) जैसे लक्षण भी नजर आते हैं. Nipah Virus के कारण सूअर जैसे जानवरों में भी गंभीर बीमारी हो सकती है.

संक्रमित में Nipah Virus के लक्षण कब दिखते हैं?

निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्ति को यदि सही समय पर उचित इलाज नहीं मिलता है तो व्यक्ति की मौत भी हो जाती है. Nipah Virus के संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति में संक्रमित होने के 4-14 दिन के भीतर लक्षण नजर आने लगते हैं. संक्रमित व्यक्ति में 3-14 दिन तक लक्षण रहते हैं. इस दौरान यह व्यक्ति को सही इलाज मिल जाता है तो उसकी जान बच सकती है, अन्यथा मौत भी हो सकती है.

निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्ति में कई तरह के लक्षण नजर आते हैं.

उनमें से कुछ हम यहां बता रहे हैं

  • -बुखार
  • सिरदर्द
  • खांसी गले में
  • खराश सांस लेने में दिक्कत
  • उल्टी आना गंभीर
  • रूप से बीमार व्यक्ति में Nipah Virus के निम्न लक्षण दिखते हैं –
  • भ्रम की स्थिति,
  • उनींदापन या भटकाव (Disorientation, Drowsiness or Confusion)दौरे पड़ना
  • (Seizures)कोमा में जानामस्तिष्क में सूजन (Encephalitis)
  • गंभीर रूप से बीमार होने की स्थिति में 40-75 फीसद

पहली बार कब सामने आया निपाह वायरस निपाह वायरस

पहली बार कब सामने आया निपाह वायरस

निपाह वायरस की पहचान पहली बार साल 1999 में हुई. पहली बार मलेशिया में सूअर पालने वाले किसानों में यह सामने आया. साल 2001 में बांग्लादेश में भी निपाह वायरस के मामले सामने आए. पूर्वी भारत में भी समय-समय पर निपाह वायरस के मामले सामने आते रहते हैं. साल 2018, 2021, 2022 में भी निपाह वायरस के मामले सामने आ चुके हैं. इसके अलावा भी कई अफ्रीकी और मिडल ईस्ट के देशों में निपाह वायरस के मामले समय-समय पर आते रहे हैं.

Nipah Virus का निदान

निपाह वायरस संक्रमण की पहचान आमतौर पर इसके लक्षणों से ही की जाती है. लेकिन इसकी पुष्टि के लिए RT-PCR टेस्ट किया जाता है. जिसमें शरीर के तरल की जांच की जाती है. ELISA टेस्ट के जरिए भी निपाह वायरस का निदान किया

निपाह वायरस का इलाज (Nipah Virus Treatment)

निपाह वायरस के खिलाफ अभी तक कोई भी वैक्सीन या दवा सर्वमान्य तौर पर उपलब्ध नहीं है. WHO के अनुसार इस वायरस से संक्रमित होने पर सपोर्टिव केयर ही एकमात्र उपाय है. इसके लिए पीड़ित को ज्यादा से ज्यादा आराम करने, पानी आदि तरल पीने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा लक्षणों का इलाज किया जाता है, ताकि मरीज को लक्षणों से निजात मिल सके.

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