रायपुर 3 फरवरी 2024/ गृहमंत्री श्री विजय शर्मा आज सुबह अचानक नक्सलियों की मांद सिलगेर पहुँचे जहां उन्होंने कैम्प के जवानों, स्कूली बच्चों और ग्रामीणों से बातचीत की। गृहमंत्री श्री शर्मा एक दिवसीय बस्तर प्रवास में आज दक्षिण बस्तर के सुकमा जिले के सिलगेर कैम्प पहुँचे एवं जवानों से मुलाकात की।
गृहमंत्री श्री शर्मा ने मुठभेड़ में शामिल और नवीन कैंप बनाने में लगे सभी जवानों का उत्साहवर्धन किया । गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि क्षेत्र की जनता को नक्सल समस्या से मुक्ति दिलाने, क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं विकास हेतु हमारे सुरक्षा बलो के जवान संकल्पित हैं। घटना के बाद भी हमारे जवानों के हौसले नही टूटे हैं।
वे दुगुने जोश से सुरक्षा एवं शांति स्थापित करने में लग गए हैं। बस्तर प्रवास के दौरान प्रमुख सचिव गृह श्री मनोज पिंगुआ और प्रमुख सचिव पंचायत श्रीमती निहारिका बारीक़ उपस्थित थीं।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा बस्तर में विकास को बाधित करने वाले सभी ताकतों को नेस्तनाबूद करेंगे सिलगेर कैम्प पहुँचकर जवानों की हौसला अफजाई की, सुरक्षा बलों के जवानो का जोश देख, गदगद हुए गृहमंत्री बस्तर के बच्चे भी बनना चाहते हैं डॉक्टर और कलेक्टर
इस कैंप के माध्यम से हम क्षेत्र के सभी ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं का लाभ पहुचायेंगे। हम सभी को प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, आयुष्मान कार्ड, खेतो में स्थाई पम्प कनेक्शन, आंगनबाड़ी, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र, पेयजल, सड़क, अधोसंरचना, मोबाइल टावर, हर बसाहट में टीवी सेट और डीटीएच दिया जाएगा। यहां स्थापित होने वाला कैम्प विकास का कैम्प साबित होगा, इस कैम्प के माध्यम से निश्चित रूप से सभी शासकीय योजनाओं का लाभ क्षेत्र की जनता को मिलेगा।
शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों का भी विकास चाहती है। उन्होंने कहा कि बस्तर के विकास के कैंप किसी के रोके नहीं रुकेंगे। बस्तर प्रवास पर नक्सलियों के मांद सिलगेर पहुँचे गृहमंत्री श्री विजय शर्मा का सिलगेर के ग्रामीणों एवं बच्चों ने स्वागत किया।
बच्चों ने श्री शर्मा के लिये सुंदर स्वागत गीत भी गाये। गृहमंत्री श्री शर्मा ने स्कूली बच्चों से बारी-बारी से परिचय प्राप्त किया और बच्चों से बातचीत करते हुए कहा आप सभी हमारे देश के और बस्तर के भविष्य हैं। आप सभी पढ़ लिखकर उच्चे पदों पर पहुँचे। गृहमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि बस्तर के बच्चे भी डॉक्टर और कलेक्टर बनना चाहते हैं। हम चाहते है कि बच्चे पढ़ लिख कर ऊंचे पदों पर पहुचें जिससे बस्तर में नक्सलवाद खत्म होगा।