देश की उम्मीदों पर टिका बजट 2022.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
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Delhi : रवींद्रनाथ टैगोर की एक लाइन है ‘Faith is the bird that feels the light and sings when the dawn is still dark.’मतलब विश्‍वास वह च‍िड़‍िया है जो सुबह के अंधेरे में भी रोशनी महसूस कर लेती है और गाती है। इतिहास में यह पल एक नए युग की सुबह का है, जिसमें भारत उम्‍मीद की भूमि बनने की ओर अग्रसर है। हमारे देश में जिस तरह अनेकों जातीय धर्म लोक निबिधताएं है उसी तरह,देश की राजनीति को समझना आसान नहीं है इस समय देश में चुनावों का मौसम है और इस मौसम में, यूपी, पंजाब, उत्तराखंड सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं. पूरा माहौल सियासी है. इसी बीच आज देश का बजट भी पेश होने वाला है. ज़ाहिर है चुनाव से कुछ दिनों पहले आने वाले बजट में थोड़ा बहुत चुनावी असर आना तो स्वाभाविक है अगर संभावना पर यकीन करे तो साल 2017 में जब इन्हीं पांच राज्यों में चुनाव थे, तब भी बजट में चुनाव का असर साफ नज़र आ गया था.

उम्मीदों वाला बजट

साल 2017 में देश का कुल बजट करीब 21.46 लाख करोड़ पेश हुआ था

इसमें से 10 लाख करोड़ तो सीधे किसानों के कर्ज के लिए रखे गए थे

3.96 लाख करोड़ रुपए इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए दिए गए थे

और गांवों के विकास के लिए करीब 1.87 लाख करोड़ रुपए दिए गए 

यानी बजट का एक बड़ा हिस्सा किसान, बुनियादी ढांचे का विकास जिसमें सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं होती हैं यानी चुनावी मौसम में जनता को उपहार मिलता ही है इस लिए बजट 2022 -23 देश को बहुत उम्मीद है

आशाओं का बजट

पिछले साल बंगाल में विधानसभा चुनाव होने थे और उससे पहले जब आम बजट पेश किया गया तो उसमें बंगाल से जुड़ी हुई कई योजनाओं की घोषणा भी की गई थी, जिसपर विपक्ष ने हमलावर रूप से इसको चुनावी बजट भी करार दिया था.
साल 2021 के उस बजट में बंगाल, असम, केरल और तमिलनाडु पर खासा ध्यान दिया गया था:-

बंगाल और असम के चाय बागान कामगारों के लिए 1 हजार करोड़ दिए गए

केरल में हाईवे निर्माण के लिए 65 हजार करोड़ दिए गए

तमिलनाडु में कई इकॉनोमिक कॉरिडोर बनाने का एलान किया गया

इसीलिए संभावना जताई जा रही है कि इस बार भी बजट में ऐसी घोषणाएं हो सकती हैं, इसके जरिए मोदी सरकार ये बताने की कोशिश भी करेगी कि इन चुनावी राज्यों में सरकार किस तरह से विकास की परियोजनाओं को आगे बढ़ा रही है.
उत्तर प्रदेश से इस बार चुनावी संग्राम शुरू हो चुका है और यहां पहले चरण की वोटिंग 10 फरवरी को होनी है. यानी उससे 9 दिन पहले बजट आएगा. इसका मतलब ये हुआ कि बजट में जो घोषणाएं की जाएंगी, अब देखना होगा इन घोषणाओं का कितना असर लोगो पर पड़ेगा

सोमवार को जब आर्थिक सर्वे पेश किया गया उसमें भी इसकी झलक मिली.
आर्थिक सर्वे में खासतौर पर एग्रीकल्चर, इंडस्ट्रियल, और इनवेस्टमेंट की उपलब्धियां गिनाई गईं

सर्वे में बताया गया कि एग्रीकल्चर सेक्टर की विकास दर 3.6 फीसदी से बढ़कर 3.9 फीसदी हो सकती है

इंडस्ट्रियल सेक्टर में विकास दर 11.8 फीसदी रहने की उम्मीद जताई गई

वहीं सर्विस सेक्टर की ग्रोथ रेट 8.2 फीसदी रहने की बात सर्वे में कही गई

इसके अलावा बताया गया कि रिटेल इन्वेस्टर्स की कमाई बढ़ी है, NSE में व्यक्तिगत निवेशकों का हिस्सा बढ़कर 44.7 फीसदी हो गया है 

अब देखना हैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के डिजिटल बजट किसको क्या मिलता है चुनावी राज्यों के लिए क्या घोषणाएं की जाती हैं,

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