रतन टाटा ने अपने जीवनकाल में लाखों लोगों को प्रेरणा देने काम किया. लोग उनकी सादगी के हमेशा कायल रहे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पिछले महीने जब उन्होंने 86 वर्ष की आयु में इस दुनिया को अलविदा कहा, तब भी वह ऐसा काम करके गए जिसने लोगों के बीच एक ट्रेंड को पॉपुलर करने का काम किया है.ये तो आपको पता ही है कि रतन टाटा को ‘डॉग्स’ से कितना प्रेम था. उन्होंने टाटा ग्रुप के हेडक्वार्टर ‘बॉम्बे हाउस’ में स्ट्रे डॉग्स के लिए अलग से एक क्रेच खुलवाया था. उनके पास खुद एक डॉग ‘टिटो’ था. जब उसकी मौत हो गई तो उन्होंने एक स्ट्र्रे डॉग को गोद लिया और उसका नाम भी टिटो रखा. जब उनकी अंतिम यात्रा जा रही थी, तब भी उनके डॉग को उनके आसपास ही देखा गया.वसीयत में टिटो के नाम की ‘अनलिमिटेड’ केयररतन टाटा की मौत के बाद जब उनकी वसीयत सामने आई, तो उसमें एक चौंकाने वाली बात देखने को मिली.
उन्होंने अपनी करीब 10,000 करोड़ रुपए की संपत्ति का बंटवारा जहां अपने भाई-बहनों के बीच किया है. वहीं घर के नौकरों तक को उसमें हिस्सा दिया है. बाकी ज्यादातर दौलत उन्होंने एक ट्रस्ट को दान कर दी है.