हक की लड़ाई की में बढती जद्दोजहद राहत की उम्मीद जोहते दिवाली के दिन भी घरों में रहा अंधियारा ..

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#talkwithshirin दिवंगत शिक्षक (पंचायत/ नगरीय निकाय) संवर्ग के आश्रितों, परिजनों को तकनीकी संविलियन मानते हुए अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने के लिए पिछले 27 दिनों से दिवंगत शिक्षकों के 935 रिश्तेदार प्रदेश के हर जिलों से महिलाये अपने अधिकार के लिए न जाने कितनी परेशानियों का सामना कर, अपने इरादों पर अडिग हैं

अनुकंपा नियुक्ति को लेकर विधवा महिलाओं का आंदोलन लगातार जारी है महिलाओं के इस आंदोलन का आज 27 वा दिन है लेकिन अभी तक इनके हक में कोई फैसला नहीं हो पाया है, बीते 13 महीनों से इनका चरणबद्ध आंदोलन चल रहा है लेकिन अब तक इन्हें अनुकंपा नियुक्तियां की कोई संभावना नहीं दिख रही है,प्रदेश के अलग अलग जिलो से अपने परिवार को छोड़ कर आई इन महिलाओं के खाने, सोने, या दूसरी ज़रूरतों का कोई इंतजाम ना होने की वजह से रोजाना उन्हें कई तकलीफों का सामना करना पड है रायपुर के कटोरा तलब स्तिथ धरना स्थल में खुले मैदान के बीच बढ़ती ठंढ में इन्हें रात गुजारनी पड रही है, असुरक्षा की भावना लिए ये महिलाएं मजबूर हैं अपनी हक की लड़ाई लड़ने को.

https://youtu.be/j9Kdzr-I52s

समय तय करेगा एक बेहतर कल की तलाश कब और कहाँ ख़त्म होती है

हम आपको इस बात की भी जानकारी दे दें कि, इससे पहले शिक्षक कर्मियों का संविलियन हुआ है लेकिन अब नियुक्ति को लेकर B.Ed D.ED और आरटीईटी (योग्यता और परिणाम) को लेकर अनिवार्यता कर दी गई है शायद यही वजह है कि पहले नौकरी दी गई उसके बाद अब आंदोलन करना पड़ रहा है अनशन भी करना शुरू दिया है 1 जुलाई 2018 को शिक्षा कर्मियों का संविलियन किया गया था और उस वक्त जितने भी पंचायत कर्मीयों की नियुक्ति हुई उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्तियां नही मिल पाई है कुछ दिन पूर्व अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर दिवंगत पंचायत शिक्षक संघ का विधानसभा घेराव जोरदार भी हुआ था

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